पाकुड़ – व्यवहार न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह और पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने सुरक्षा के तमाम बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा की और कई अहम दिशा-निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान प्रवेश द्वार, वॉच टावर/मोर्चा, चाहरदिवारी, पार्किंग, फ्रिस्किंग/चेकिंग व्यवस्था, बल की प्रतिनियुक्ति, सीसीटीवी कैमरा, पेट्रोलिंग और बैरियर/स्लाइडर जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर बारीकी से ध्यान दिया गया।
अधिकारियों ने न्यायालय में महिलाओं के लिए पृथक जांच रूम की आवश्यकता जताई, साथ ही परिसर में वॉच टावर निर्माण हेतु संभावित स्थल का भी निरीक्षण किया। मुख्य द्वार पर डीएफएमडी और एचएचएमडी उपकरणों की अनिवार्यता को दोहराते हुए सख्ती से जांच सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण में आवासीय परिसर की चाहरदिवारी की ऊंचाई और उसमें आवश्यक सुधार की भी समीक्षा की गई। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की व्यवस्था का जायजा लेने के साथ-साथ सीसीटीवी कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली का भी अवलोकन किया गया। पीसीआर, टाइगर मोबाइल और नगर थाना गश्ती दल को नियमित निगरानी के निर्देश देते हुए मुख्य द्वार पर यातायात बल की तैनाती, रोड ब्रेकर और लोहे के स्लाइडर लगाने की जरूरत को चिन्हित किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी सह रजिस्ट्रार विजय दास, डीएलएसए सचिव रूपा बंदना किरो, लोक अभियोजक लुकास हेंब्रम, सीपू प्रभारी अनूप रोशन भेंगरा समेत न्यायालय के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

