पाकुड़। नगर निकाय चुनाव की तिथि भले अभी घोषित न हुई हो, लेकिन प्रशासनिक गतिविधियों और राजनीतिक हलचल से साफ है कि चुनावी माहौल पटरी पर चढ़ चुका है। शहर में संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चाएँ तेज हैं और राजनीतिक गलियारों में काना-फूसी बढ़ गई है। प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियों की रफ्तार तेज हो गई है। सबकी नजरें अब राज्य निर्वाचन आयोग पर टिकी हैं, खासकर अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर। नियम के अनुसार वार्डों की प्रारंभिक आरक्षण सूची निकायों से मिलने के बाद जिला स्तरीय कमेटी उसकी विस्तृत जांच करती है। जांच पूरी होने के बाद उपायुक्त की ओर से रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाती है। आयोग अंतिम पड़ताल के बाद आरक्षण सूची को मंजूरी देता है। अध्यक्ष पद का आरक्षण सीधे आयोग स्तर से ही तय किया जाता है। आरक्षण सूची स्वीकृत होते ही आयोग के निर्देशानुसार गजट अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके साथ ही सुचारू चुनाव के लिए विभिन्न कोषांगों का गठन भी शुरू हो जाएगा। प्रशासनिक हलकों में अनुमान लगाया जा रहा है कि 20 दिसंबर के बाद तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच जाएंगी और इसके तुरंत बाद चुनाव तिथि की घोषणा भी संभव है। उधर, संभावित चुनाव को देखते हुए स्थानीय स्तर पर पार्षद, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के दावेदार सक्रिय हो चुके हैं। शहर में राजनीतिक चर्चाएँ चरम पर हैं और जनता की नजर अब सिर्फ राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले पर टिकी है।





