पुलिस-प्रशासन रहा मुस्तैद, जगह-जगह रही मजिस्ट्रेट और फोर्स की तैनाती।
पाकुड़: शहीद-ए-करबला की याद में मातम के इस पावन मौके पर रविवार को मुहर्रम के अवसर पर शहर का माहौल पूरी तरह गमगीन और जज्बातों से भरा रहा। मुस्लिम बहुल इलाकों से अखाड़ा समितियों ने जुलूस निकाला, जिसमें हैरतअंगेज करतबों ने सभी का दिल जीत लिया। हाटपाड़ा, आसनढीपा समेत कई ताजिया कमेटियों द्वारा निकाले गए जुलूस कूड़ापाड़ा से गुजरते हुए पुलिस लाइन चौक और बड़ी अलीगंज बस स्टैंड तक पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह लोगों ने जुलूस का स्वागत किया। चांद आलम, दिललु आलम और कार्यकारी अध्यक्ष खालिद आलम की अगुवाई में जुलूस में शामिल युवाओं और बच्चों ने परंपरागत हथियारों से ऐसे करतब दिखाए कि देखने वालों की आंखें खुली की खुली रह गईं।
छोटे-छोटे बच्चों द्वारा तलवार और लाठी से किए गए करतबों ने माहौल को रोमांचक बना दिया। हर गली, हर चौक पर तकबीर, “अल्लाह हू अकबर”, “या हसन”, “या हुसैन” के नारों से पूरा शहर गूंज उठा।
पुलिस-प्रशासन रहा अलर्ट
जुलूस को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आया। अनुमंडल पदाधिकारी साइमन मरांडी, सीओ समीर अल्फ्रेड मुर्मू, एसडीपीओ दयानंद आज़ाद, डीएसपी अजय आर्य, नगर थाना प्रभारी प्रयाग दास, एसआई कन्हैया कुमार समेत भारी संख्या में पुलिस बल लगातार क्षेत्र में गश्ती करते रहे। सुरक्षा के मद्देनजर हर चौक-चौराहे पर दंडाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी। गाजे-बाजे और परंपरागत निशानों के साथ निकले इस ताजिया जुलूस ने एकता, भाईचारे और श्रद्धा का संदेश दिया।
