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June 26, 2025 12:46 pm

विभागीय लापरवाही के मकड़ जाल में फंसा गंगाजल परियोजना।

पानी,बिजली की बड़ी समस्या होगी लोकसभा का चुनावी मुद्दा।

जनता जनार्दन सब जानती है।

सतनाम सिंह

पाकुड़ :विभाग की लचर व्यवस्था ने गंगाजल जो पाकुड जिले वासियों को मिलना था जिसमे कई साल बीत जाने के बाद अब गंगाजल मुंगेरी लाल के हसीन सपने जैसा लगने लगा है,गंगाजल योजना की राशि पर राशि बढ़ती गई नही बढ़ी तो योजना,कारण भ्रष्टाचार इतना हावी है की गंगाजल योजना में लगने वाली पाइप को ही बेच दिया गया,पानी की समस्या को लेकर सरकार के द्वारा गंगाजल योजना लाया गया जिसमे पाइप के माध्यम से पाकुड सहित पूरे जिले में पानी की सप्लाई होनी थी लोगों ने आशा भी बना ली जल्द मिलेगा पानी,लेकिन लोगों की उम्मीदें दिन प्रतिदिन टूटते ही गए, बृहद एवं महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रस्ताव पारित कर अमली जामा पहनाने हेतु सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के पश्चात 5 वर्ष में इसे पूरा करना था । किंतु एक दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद आज तेरह वर्ष में भी गंगा का पानी पाकुड़ की सीमा तक प्रवेश नहीं कर सकी और यह कब तक पाकुड़ पहुंचेगी यह भविष्य के गर्त में है। मालूम हो कि 2011 में राज्य नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से पाकुड़ नगर परिषद अंतर्गत शहरी जलापूर्ति योजना हेतु कुल 4076.38 लाख की स्वीकृति दी गई थी। तत्कालीन उपायुक्त की अध्यक्षता में पेयजल स्वच्छता विभाग को 38 करोड़, 67 लाख रुपए नगर परिषद की ओर से विभाग को भेजा गया था। भाजपा, झामुमो, गठबंधन की सरकारी आई,गई और आई, जिले में कई मंत्री,सांसद, विधायक भी रह चुके। किंतु किसी ने पुरी इच्छा शक्ति के साथ इस विषय वस्तु पर कार्रवाई नहीं की। इस विषय पर में जनहित याचिका भी दायर की गई। उच्च न्यायालय ने भी सख्त आदेश दिए। किंतु ढाक के वही तीन पात। इस वर्ष भी विशाल गर्मी में भी आम जनमानस को गंगा का जल प्राप्ति होने की कम उम्मीद है। नगर परिषद क्षेत्र में इसे लेकर एक बड़ा चर्चा का विषय वस्तु बना है । ।। “गंगाजल” ।। नाली- पानी- बिजली 2024 के लोकसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा होगा। पय जल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता राहुल श्रीवास्तव बताते हैं कि हमारे और से सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जैसे ही नगर परिषद पाकुड़ द्वारा बिजली कनेक्शन का कार्य पूरा किया जाएगा कार्य प्रगति पर होगा। नगर परिषद के अनुसार 90 प्रतिशत रकम चुकता कर दिया गया है। पय जल एवं स्वच्छता विभाग एवं नगर परिषद अपना अपना परिचय दे रहे हैं। किंतु जनता को यह बताने में असमर्थ है की और कितने वर्ष लगेंगे !!? क्या जन प्रतिनिधि इस विषय पर गंभीर होंगे? जनता के साथ धोखा करने वाले का उच्च स्तरीय जांच कर दोषी पर कार्यवाही होगी !? या फिर मायाजाल के बीच मामला यूं ही फंसा रहेगा। सूत्रों की माने तो नगर में भी केवल पाइप बिछाए गए हैं ! जनता को जवाब नहीं , चाहिए नाली पानी और बिजली । सूत्रों की माने तो जन प्रतिनिधियों द्वारा गंगाजल परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

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