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December 21, 2025 9:07 pm

झारखंड के निजी स्कूलों को हाईकोर्ट का जीवनदान, सुप्रीम कोर्ट में होगी निर्णायक लड़ाई।

पाकुड़। झारखंड के निजी विद्यालयों को मान्यता संबंधी लंबे विवाद पर उच्च न्यायालय, रांची ने महत्वपूर्ण राहत देते हुए कई कठोर शर्तों पर रोक लगा दी है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है, जहां अंतिम फैसला होगा। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009-11 के तहत 2012, 2013 और 2014 तक मान्यता के लिए निजी विद्यालयों ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में आवेदनों के साथ अनिवार्य कागजात जमा किए थे। निरीक्षण के बाद केवल दो विद्यालयों को मान्यता मिली, जबकि बाकी विद्यालयों पर बार-बार दबाव बनाया गया। प्रक्रिया जटिल होने से अधिकांश विद्यालय मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे थे। इसी के खिलाफ झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, रांची ने 2019 में उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की। सुनवाई के बाद अदालत ने मान्यता प्रक्रिया में लगाए गए 12,500 और 25,000 रुपए के निरीक्षण शुल्क को निरस्त कर दिया। साथ ही विद्यालयों पर लगाई गई 1 लाख रुपए की बैंक एफडी की अनिवार्यता भी खत्म कर दी। जमीन संबंधी नियमों को अदालत ने सही माना, लेकिन स्पष्ट किया कि 1998 से पूर्व स्थापित विद्यालयों पर जमीन संबंधी नियम लागू नहीं होंगे। जिला स्तरीय कमेटी को भी संक्षिप्त करने का निर्देश दिया गया है। उच्च न्यायालय ने 2019 के मानकों को पूरा करने के लिए विद्यालयों को छह माह का समय दिया है। वर्तमान नियमों के अनुसार— शहर में कक्षा 1 से 5 तक के लिए 40 डिसमिल, गांव में 60 डिसमिल तथा कक्षा 6 से 8 तक शहर में 60 डिसमिल और गांव में 1 एकड़ जमीन अनिवार्य है। छोटानागपुर में सीएनटी एक्ट और संथालपरगना में एसपीटी एक्ट लागू होने से जमीन बढ़ाने-घटाने की प्रक्रिया लगभग असंभव हो गई है, जिससे 95% निजी विद्यालयों के बंद होने की आशंका बन गई थी। इसी वजह से एसोसिएशन ने 20 अगस्त 2025 को सिविल रिव्यू याचिका दाखिल की। इस बीच एक जिला संगठन सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया। 18 नवंबर 2025 को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस दीपक रौशन ने सुनवाई करते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए सिविल रिव्यू को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाता है। साथ ही रिव्यू किए जा रहे फैसले पर रोक लगा दी गई, जिससे स्कूलों को संभावित नुकसान से तत्काल राहत मिली। झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, रांची ने प्रदेश के सभी निजी विद्यालय संचालकों से सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पैरवी के लिए एकजुट होने की अपील की है, ताकि अंतिम लड़ाई में सफलता सुनिश्चित हो सके।

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