पाकुड़/ हिरणपुर: उत्क्रमित उच्च विद्यालय डांगापाड़ा ने एक अनूठी पहल शुरू की है, ताकि मेट्रिक परीक्षा के फॉर्म भरने के बाद भी बच्चों का विद्यालय की ओर रुझान बना रहे और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। इसी उद्देश्य से 12 दिसंबर 2025 से गाँव के विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में “बच्चों के संग, अभिभावक के द्वार” नामक विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया है। विद्यालय प्रशासन ने इसे स्कूल समय के बाद आयोजित किया है, ताकि अभिभावक अपने दैनिक काम-काज, कृषि-कटाई और घर-गृहस्थी के दायित्वों से मुक्त होकर इसमें आसानी से भाग ले सकें। क्षेत्र में इस समय कटनी, कटाई, बाहरी खेतों में मजदूरी और हटिया के कारण परिवार अत्यधिक व्यस्त हैं, जिससे कई बच्चे नियमित स्कूल नहीं पहुँच पाते। कार्यक्रम के दौरान शिक्षक अभिभावकों को बच्चों की उपस्थिति, पढ़ाई के महत्व, बोर्ड परीक्षा की तैयारी और नियमित विद्यालय जाने के फायदों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि जब विद्यालय उनके दरवाज़े तक आकर बच्चों की पढ़ाई का संदेश दे रहा है, तो वे भी बच्चों को नियमित स्कूल भेजने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक आनंद कुमार भगत ने कहा—
हमारा लक्ष्य केवल फॉर्म भरवाना नहीं है, बल्कि बच्चों को अंतिम दिन तक नियमित पढ़ाई से जोड़कर बेहतर परिणाम सुनिश्चित करना है। शिक्षा तभी सफल है जब अभिभावक और विद्यालय साथ मिलकर आगे बढ़ें। विद्यालय परिवार का मानना है कि इस नवाचार से न केवल बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। भविष्य में इसे पंचायत के अन्य क्षेत्रों तक विस्तार देने की योजना है।







