डीटीओ ने कहा—दुकानदारों के खिलाफ आवेदन दें, मैं खुद करूंगा कार्रवाई।
पाकुड़। जिले में वर्षों से बिना रजिस्ट्रेशन और परमिट के ई-रिक्शा धड़ल्ले से बिकते रहे, लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं—आखिर यह सब कैसे हुआ?
पाकुड़ जिले में संचालित ई-रिक्शा शोरूम और दुकानों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, जिले में बड़ी संख्या में ऐसे ई-रिक्शा हैं, जिन्हें बिना रजिस्ट्रेशन नंबर और परमिट के ही बेच दिया गया। एक ओर जिला परिवहन विभाग लगातार ई-रिक्शा चालकों को नियमों के पालन की हिदायत देता रहा, वहीं दूसरी ओर दुकानदारों द्वारा खुलेआम नियमों की अनदेखी कर बिक्री की जाती रही—यह सबसे बड़ा विरोधाभास है।
सवाल बड़ा है—जिम्मेदार कौन?
यदि बिना रजिस्ट्रेशन ई-रिक्शा सड़क पर चल रहे हैं, तो इसकी पहली जिम्मेदारी किसकी है? क्या दुकानदार और शोरूम संचालक नियमों से ऊपर हैं? या फिर कार्रवाई सिर्फ चालकों तक ही सीमित रहेगी?
डीटीओ का सख्त रुख—अब दुकानदारों पर गिरेगी गाज
हाल ही में मुफस्सिल थाना परिसर में ई-रिक्शा चालकों के साथ हुई बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) ने स्पष्ट शब्दों में कहा—जिन दुकानदारों ने बिना रजिस्ट्रेशन के ई-रिक्शा बेचे हैं, उनके खिलाफ ई-रिक्शा चालक आवेदन दें। मैं स्वयं उन दुकानदारों पर कार्रवाई करूंगा। यह बयान सीधे तौर पर शोरूम संचालकों की जवाबदेही तय करता है, जिन्होंने लालच में फंसाकर चालकों को ठगा गया। सूत्र बताते हैं कि जब कोई चालक ई-रिक्शा खरीदने जाता है, तो कई दुकानदार उसे बिना रजिस्ट्रेशन ही वाहन लेने के लिए उकसाते हैं। दलील दी जाती है— बिना परमिट लीजिए, पैसा बचेगा। हकीकत यह है कि यही लालच आगे चलकर चालकों के लिए भारी परेशानी बन जाता है। आज वही चालक हजारों रुपये अतिरिक्त देकर रजिस्ट्रेशन कराने को मजबूर हैं।
अगर शुरुआत में नियमों का पालन होता…
यदि ई-रिक्शा बिक्री के समय ही रजिस्ट्रेशन और परमिट की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती तो न चालकों को परेशान होना पड़ता न भारी जुर्माना देना पड़ता और न ही प्रशासन को सख्ती दिखानी पड़ती।
अब जांच जरूरी
जिले के सभी ई-रिक्शा शोरूम और दुकानों की व्यापक जांच होनी चाहिए। सबसे बड़ी कार्रवाई उन दुकानदारों पर होनी चाहिए, जिन्होंने बिना रजिस्ट्रेशन और परमिट के ई-रिक्शा बेचकर चालकों को मुसीबत में डाला। अब देखना यह है कि डीटीओ के बयान के बाद कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित रहती है या वास्तव में दोषी दुकानदारों पर कार्रवाई होती है।





