पाकुड़, विश्व एड्स दिवस के अवसर पर पाकुड़ पॉलिटेक्निक में सोमवार की शाम एक विशाल मानव श्रृंखला बनाई गई, जिसमें संस्थान के सभी छात्र-छात्राओं व कर्मचारियों ने भाग लेकर एड्स के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता का संदेश दिया। इस वर्ष की वैश्विक थीम “Overcoming disruption, transforming the AIDS response” के अनुरूप एचआईवी रोकथाम, उपचार और सहानुभूति को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत एड्स के बचाव, लक्षण और रोकथाम उपायों की जानकारी के साथ हुई। प्राचार्या डॉ. सुषमा यादव ने एड्स को “साइलेंट किलर” बताते हुए कहा कि शुरुआती जांच और उपचार से इस बीमारी पर नियंत्रण संभव है। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज से इस रोग को मिटाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। विभागाध्यक्षों और व्याख्याताओं ने भी लोगों में एड्स को लेकर बने संकोच को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया। छात्रों ने कई किलोमीटर तक मानव श्रृंखला बनाकर जागरूकता संदेशों वाली तख्तियां थामे लोगों को एड्स से बचाव की जानकारी दी, जिसे स्थानीय लोगों ने सराहते हुए समर्थन दिया। कार्यक्रम में शामिल बच्चों ने मोमबत्ती मार्च भी निकाला और प्रशासनिक भवन के सामने मोमबत्तियाँ स्थापित कर जागरूक समाज निर्माण का संकल्प लिया। सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, मेटलर्जी, माइनिंग और बीसीए विभागों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। संस्थान के निदेशक अमिया रंजन बड़ाजेना ने ऑनलाइन जुड़कर कहा कि पाकुड़ पॉलिटेक्निक सक्षम इंजीनियरों के साथ-साथ संवेदनशील नागरिक तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है और समाज की हर चुनौती के प्रति जागरूक रहने का संकल्प दोहराता है। प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्र ने कहा कि ऐसी गतिविधियों से लोगों में एचआईवी जांच को लेकर झिझक कम होती है। उन्होंने एड्स प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति और सम्मान की भावना बढ़ाने पर जोर दिया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक जिम्मेदारी, जागरूकता और करुणा की अपील के साथ हुआ। संस्थान ने स्वच्छ, स्वस्थ और जागरूक समाज निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।













