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June 26, 2025 1:23 pm

मां काली की प्रतिमा का धूमधाम से हुआ विसर्जन।

राजकुमार भगत

पाकुड़। दीपावली की रात मां काली की पूजा का भी विधान है। पाकुड़ शहरी क्षेत्र में सशांन काली, नित्य काली,ग्राम काली, खेपा काली , भैरव पूजा, शंकर पूजा, आदि धूमधाम से किया गया। अमावस्या की रात राजा पाड़ा स्थित कालीबाड़ी व कली तल्ला मैदान में शशांन काली की विशेष महत्व है। राज परिवार द्वारा इन दोनों स्थानों पर विशेष पूजा अर्चना कराई जाती है। यहां आज भी बलि प्रथा जारी है। रात 12:00 बजे से ही मां काली की विशेष पूजा अर्चना पूरी विधि विधान के साथ रात भर किया गया। इस अवसर पर काली तल्ला में विशाल मेले का आयोजन किया गया। नियम अनुसार सशान काली की प्रतिमा शाम में ही विसर्जित कर दी जाती है। सैकड़ो लोग मां काली की प्रतिमा को कंधे में उठाकर कली तल्ला हाटपड़ा होते हुए नगर थाना के समीप अटल चौक तक आते हैं, वहां से पुनः छोटी रजवाड़ी तक प्रतिमा को घुमाया जाता है। पुनः मां काली की प्रतिमा को उसी रास्ते से हाटपड़ा बिरसा चौक होते हुए काली भाषान पोखर तक ले जाया जाता है। इस दौरान रास्ते में मां काली की प्रतिमा को कहीं भी उतरा नहीं जाता है ना रोका जाता है। काली भाषण पोखर में मां की प्रतिमा को पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ विसर्जन की जाती है। मां की विदाई की घड़ी में सभी लोग अपने-अपने दरवाजे के पास जमकर आतिशबाजी करते हैं। एवं मां काली से अपनी सुख शांति की प्रार्थना करते हैं। इस दौरान ढाक की गूंज व मां की जयकार से पूरा माहौल भक्ति में माहौल में बदल जाता है।

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