अब्दुल अंसारी
पाकुड़िया प्रखंड सभागार में शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अंचल अधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी सोमनाथ बनर्जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस बैठक में प्रखंड क्षेत्र के सभी ग्राम माझी, परगनैत और अन्य परंपरागत पदधारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक में ग्रामीण विकास, स्वशासन और परंपरागत व्यवस्थाओं को सशक्त बनाने हेतु कई अहम निर्णय लिए गए। प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री बनर्जी ने ग्राम प्रधानों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ग्राम सभा कर जाहेर थान एवं मासना (माड़ी पोड़ा) स्थल की घेराबंदी के लिए प्राक्कलन तैयार किया जाए और निर्माण कार्य को जल्द प्रारंभ किया जाए। साथ ही, जमीन से जुड़े मामलों जैसे घरजमाई विवाद, भूमि विभाजन और पारिवारिक वाद-विवादों का निपटारा पारदर्शिता से करने पर जोर दिया। बैठक में माझी परगाना लहाँती वैसी पाकुड़ इकाई के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त डी.एस.पी. सनत कुमार सोरेन ने अपने उद्बोधन में कहा कि परंपरागत रूढ़ियों और प्रथाओं का संचालन तभी सार्थक होगा जब समुदाय के लोग विधिक जानकारी से लैस होंगे। उन्होंने कानून और परंपरा के संतुलित समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं हिरणपुर दामिन बंगला के परगनैत मसीह मरांडी ने संताल समाज के ऐतिहासिक पक्षों पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को इतिहास से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने समाज के समग्र विकास के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को मासिक बैठक आयोजित करने का सुझाव भी रखा, जिससे सामूहिक चिंतन और मार्गदर्शन सुनिश्चित हो सके।
महेशपुर अंचल के परगनैत डिजेन हॉसदा ने स्वशासन की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रणाली वर्षों पुरानी है, जिसे स्थानीय विधि का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने स्थानीय विवादों के समाधान में ग्राम स्तर पर निर्णय लेने की परंपरा को मजबूती से बनाए रखने की बात कही। बैठक का संचालन प्रखंड इकाई के अध्यक्ष जगर हेम्बरम ने किया। बैठक में परमेश्वर मुर्मू, रानेश हॉसदा, रूपलाल मुर्मू, शिवधन हेम्बरम, वीरवल सोरेन, नरेन्द्र टुडू, चौदमुनी वास्की, विटिया मुर्मू, शिव सोरेन, चुण्डा सोरेन सहित कई ग्राम प्रधान एवं परंपरागत पदधारी उपस्थित थे।