कार्य पूर्ण होते नही एमबी फाइनल कर दिए जाते है।
महेशपुर से धीरेन साहा की रिपोर्ट
महेशपुर प्रखंड शहरग्राम के लालबाबू मड़ैया के जमीन में कूप निर्माण में गड़बड़ झाला की कहानी सामने आ रही है। सरकार के द्वारा भस्टाचार को खत्म करने के लिए बड़े बड़े वादे किए जाते है लेकिन धरातल पर कहानी कुछ और ही बयां करती है। जिम्मेदार पदाधिकारी और बिचौलिया की मिलीभगत से सरकार को लाखो का चूना लग रहा है,योजना पूर्ण होती नही, एमबी पूर्ण कर निकासी कर ली जाती है फिर प्रखंड कर्मी और बिचौलिया एक्टिव हो जाते है नई योजना निकलवाने को लेकर, पूरा का पूरा विभाग मनरेगा की योजना में सबका साथ सबका विकास वाली कहानी रोज बयां करते है जिसमे कनीय अभियंता की भूमिका काफी अहम होती है,जीता जागता उद्धरण महेशपुर प्रखंड के शहरग्राम पंचायत में बिचौलिया के द्वारा बनाया गया सिंचाई कूप है जहां सिंचाई के नाम पर कूप में जम कर लूट खसोट हुई है, न ही सिंचाई कूप को ठीक से बनाया गया है और न ही कूप में सूचना पट्ट है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की कूप निर्माण के समय कूप में घटिया किस्म का ईट का उपयोग किया गया है साथ ही कूप में बालू की जगह डस्ट का प्रयोग किया गया है। गहराई कम होने के कारण कूप में एक बूंद तक पानी नही है जिस कारण सिंचाई के समय ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शहरग्राम पंचायत के लगभग सभी सिंचाई कूप का हाल कुछ इस तरह ही देखने को मिली । पूरे शहरग्राम पंचायत में मनरेगा में यह हाल देख ऐसा प्रतीत होता है की महेशपुर में पीसी का खेल खूब जोर है, तभी तो शहरग्राम पंचायत में सिंचाई कूप के अलावा कई योजना है जिसमे बंदरबांट किया गया है यह सब देखते हुए जिम्मेदार चुप है।
