जिला ब्यूरो
रामगढ़। रामगढ़ जिला के कुजू एवं घाटों थाना अंतर्गत बीते 24 घंटे में हाथियों का आतंक देखने को मिला। इस दौरान चार लोगों की जान हाथियों द्वारा दे ले ली गई। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया कि एक सीसीएल कर्मी की मौत हाथियों के साथ सेल्फी लेने के चक्कर में चली गई।

वहीं अन्य तीन को हाथियों ने कुचलकर मार डाला। प्रशासन में इस प्रकार के मूर्खता हाथियों के साथ न करने की अपील लोगों से की है। घटना के पूर्व और घटना के बाद भी वन कर्मियों की संख्या में कमी के बावजूद क्षेत्र में रात भर जिला वन विभाग की टीम रेंजर की अगुवाई में सक्रिय है और अपना पूरा जोर हाथियों को जंगल में धकेलना के लिए लगा रही है। मौके पर रेंजर ने बताया कि हम अतिरिक्त वन विभाग की टीम को अन्य क्षेत्रों से मंगा रहे हैं। जैसे कि बांकुरा। उन्होंने इस घटना पर खेद प्रकट करते हुए वन विभाग की टीम ने अन्य लोगों से अपील की है कि वे हाथियों को देखकर बेवजह शोरगुल न करे। हाथी के साथ सेल्फी बिल्कुल भी न ले। हाथियों को अपने सुरक्षित मार्ग से निकलने के लिए छोड़ दिया जाए क्योंकि हाथियों के निकट जाना खतरनाक है। घटना की सूचना मिलने के बाद से ही कुजू थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह एवं घाटो थाना प्रभारी दीपक कुमार अपने दलबल के साथ आम जनता की सुरक्षा में तैनात हैं।

घटना के बाद सुबह से ही स्थानीय लोगों ने चार नंबर चौक को पूरी तरह से जाम कर दिया जिससे की आवागमन पूरी तरह से बंद हो गई।

मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए एक स्थानीय बुजुर्ग समाजसेवी ने (नाम न छापने के निवेदन के साथ) कहा कि आज जंगल में आग लगने वाले जंगली हाथियों से डर रहे हैं। विस्तार से बताते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष फरवरी महीने के अंत एवं मार्च के शुरुआत में महुआ चुनने के के लिए पूरे झारखंड के कोने-कोने में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जंगल में आग लगा दिया जाता है जो कि जंगलों से होते हुए स्थानीय पहाड़ एवं पठारो तक पहुंच जाता है किंतु उस दौरान इसे रोकने कोई नहीं आता है न ही प्रशासन और ना ही कोई बड़ी मीडिया इस पर सवाल उठती है और ना ही खबर चलती है। स्थानीय मुखिया भी इस पर अपनी आंख बंद किए रहते हैं। लगातार इन क्षेत्रों में जंगलों में अवैध पेड़ों की कटाई होती है और यह पूर्ण रूप से चोरी छुपे होता है। जब तक इन अवैध गतिविधियों पर जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार रोक नहीं लगती है तब तक इस प्रकार की घटनाएं दोबारा दोहराई जाएगी ऐसा कहना अतिशयोक्ति नहीं है। उन्होंने लोगों से जंगल संरक्षण एवं पेड़ों की अवैध खटाई न करने की अपील की है। वहीं क्षेत्र के सभी पंचायत के मुखिया से अपील की है कि अपने गांव एवं क्षेत्र अंतर्गत सभी आम नागरिकों को समझाएं कि वह जंगलों में महुआ चुनने के दौरान जंगल में आग ना लगाएं क्योंकि अगर जंगल नष्ट हो जाएगा तो जंगली जानवर गांव एवं शहरों में ही आएंगे और इस प्रकार की घटनाएं लगातार देखने को मिलेगी। वन विभाग के अधिकारी ने सभी मृत लोगों की परिजनों को वन विभाग द्वारा मिलने वाली राहत राशि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर भैया करवाने में सहयोग करने की बात कही।

स्थानीय कई विद्यालय के प्राचार्य ने अगले कुछ दिनों के लिए विद्यालय में छुट्टी जारी करने की अपील जिला प्रशासन से की है क्योंकि अभिभावकों का कहना है कि जब तक हाथी क्षेत्र से पूरी तरह से बाहर नहीं हो जाते हम बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे।








