राजकुमार भगत पाकुड़।
प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से महिला उत्थान और प्रशंसा का दिवस है। उनके द्वारा किए गए प्रयासों का सराहना का दिन है। यह विश्व भर में लैंगिक और समानता के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन में मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
बताते हैं सुसान बी एंथोनी एक राजनीति कार्यकर्ता महिला के अधिकारों की हिमायती थी । गृह युद्ध के बाद उन्होंने 14वें संशोधन के लिए लड़ाई लड़ी । जिसका उद्देश्य सभी प्राकृतिक और मूल निवासी अमेरिका वासियों को पूर्ण रूप से नागरिकता मताधिकार का समान अधिकार प्राप्त करना था। इसकी पुष्टि 1868 में 14 वें संशोधन में की गई थी। फिर भी उन्हें वोट का अधिकार सुरक्षित प्राप्त नहीं हो सका था। सन 1869 में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए एलिजाबेथ कैंडी स्टैंटन और सुसान बी एंथोनी द्वारा नेशनल वूमेन सफरेज संगठन की स्थापना की गई थी। सन 1900 की शुरुआत में महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग, महिलाओं के वेतन और असमानता, वोट में अधिकार आदि की आवाज बुलंद की थी। सन 1908 में न्यूयॉर्क शहर में 15000 महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग के लिए मार्च निकाली थी। बताया जाता है कि अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी के द्वारा 1909 में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की थी। यह 1913 तक फरवरी के अंतिम रविवार को मनाया जाता था।
जेटकिन ने बुलाया था अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन
बताते हैं कि सन 1910 के में क्लारा जेटकिन एक जर्मन मताधिकारवादी और महिला कार्यालय के नेता द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया था। महिला नेता जेटकिन ने इसे प्रत्येक वर्ष महिला दिवस में के रूप में बनाने का प्रस्ताव रखा था और इसके दूसरे साल ऑस्ट्रिया डेनमार्क जर्मनी स्विट्जरलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में इसे सम्मानित किया गया। जिसमें 10 लाख से अधिक लोग रैलियों में शामिल हुए थे। इसकी पुष्टि 18 अगस्त 1920 19वें संशोधन में की गई थी।और श्वेत महिलाओं को यू एस में मतदान का अधिकार दिया गया। 1960 के दशक में मुक्ति आंदोलन हुआ और इस प्रयास के कारण मतदान का अधिकार अधिनियम पारित हुआ। जिससे सभी महिलाओं को मतदान करने का अधिकार मिला। नारीवाद और लैंगिक असमानता के खिलाफ लड़ाई का पुनरुत्थान अनुभव किया गया। विश्व भर में इसकी आवाज बुलंद हुई ताकि समान रूप से समाज बनाने का अधिकार प्राप्त का अधिकार सभी को बराबर हो। सभी को बराबरी का दर्जा प्राप्त हो। महिलाओं को उचित सम्मान मिले। उन्हें हर अधिकार प्राप्त हो ।
8 मार्च को हुई शुरुआत महिला दिवस की
तत्पश्चात संजूनाइटेड नेशन की तरफ से 8 मार्च को एक विशेष थीम के साथ महिला दिवस मनाने की शुरुआत की गई। जब पहली बार महिला दिवस मनाया गया तो इसकी थीम था ” सेलिब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फॉर द फ्यूचर ” नाम दिया गया। और तब से 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता रहा है। इससे महिलाओं की मान सम्मान और कद बढ़ा है।
डॉ ओसीन टोपो
महिला दिवस के अवसर पर डॉ ओसीन टोपो ने बताया कि भारतीय संस्कृति में महिला के सम्मान को हमेशा ही महत्व दिया है । भारत में महिला को देवी सामान पूजा जाता है। एक तरफ से किसी भी समृद्ध घर के लिए महिला एक लक्ष्मी के रूप में होती है। आज की नारी सिर्फ घर की ही नहीं बल्कि देश की शान बन चुकी है । लगभग हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियां बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि आज मैं एक महिला होते हुए चिकित्सक हूं। इससे आप नारी की कद समझ सकते हैं। उपलब्धियां को और अधिक सशक्त बनाने और नारी के महत्व को सेलिब्रेट के लिए विश्व भर में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
सम्पा साहा
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निवर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष सम्पा साहा ने कहा कि मातृशक्ति में एक मां,बेटी,बहन और दोस्त जैसे ना जाने कितने किरदारों को खुद को हर बार साबित किया है। लेकिन सब किरदारों से अलग उसकी अपनी पहचान “एक औरत होना है।” अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दुनिया भर के महिलाओं और उनके जज्बे को सादर नमन।
Dr Manish kumar
सदर पाकुड़ के जाने माने चिकित्सक डॉक्टर मनीष कुमार सिन्हा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की कैंपेन थीम इंस्पायर इंक्लूजन है। (Inspire lnclusion) जिसका अर्थ है महिलाओं के महत्व को समझने के लिए लोगों को जागरूक करना। अर्थात महिलाओं के लिए एक ऐसे समाज का निर्माण को बढ़ावा देना भी है जहां महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर सके, सशक्त और सुरक्षित महसूस कर सके। यदि किसी कंपनी या क्षेत्र विशेष में वहां महिलाएं नहीं है, तो क्यों नहीं है ? तो इंस्पायर इंक्लूजन कैंपेन के तहत मकसद यह है पूछा जाए कि अगर महिलाएं नहीं है तो क्यों नहीं है।अगर महिलाओं के साथ किसी तरह का भेदभाव हो रहा है तो उस भेदभाव को खत्म करना जरूरी है । अगर महिलाओं के साथ अच्छा बर्ताव नहीं होता है तो उसके खिलाफ कदम उठाना जरूरी है । और यह हर बार करना जरूरी है यही इंस्पायर इंक्लूजन है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना एक नई मुकाम हासिल कर रही है।
ऋचा कुमारी
ऋचा कुमारी एमएससी करके प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर निजी विद्यालय में सेवारत है। उन्होंने कहां की बेशक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की सम्मान का दिन है। महिलाओं को इस पर गर्व है। उन्होंने कहा कि इसमें भी कोई दो मत नहीं कि आज की महिलाएं नई-नई मुकाम हासिल कर ऊंचाइयों को छू रही है। राज्य एवं भारत सरकार महिलाओं के स्तर को उच्च शिखर तक पहुंचाने के लिए आनेको कार्यक्रम चला रखे हैं। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टिकौन से कानून को भी मजबूत बनाया गया है।बाबजूद आज भी हम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। नित्य नए-नए खुलासे और हरकतें आज भी जारी है। हाल के दिनों में झारखंड के दुमका जिला और पश्चिम बंगाल हुई घटना झकझोर देने वाली है। मन में भय का माहौल बना रहता है। हमें और अधिक सबल होने की जरूरत है।
जिला मुख्यालय स्थित इनकम टैक्स एडवोकेट प्रमोद सिंहा कहते हैं आज महिलाएं घर तक सीमित नहीं है बल्कि देश और दुनिया की तरक्की में अपनी लोहा मनवा रही हैं। महिलाएं अपनी प्रतिभा, कौशल और जज्बे के दम पर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बना रही है। देश दुनिया की तरक्की में योगदान के लिए उनकी सराहना के लिए प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के लिए समर्पित है। उनके अधिकार और हक के लिए यह दिवस मनाया जाता है। महिलाएं दुनिया की आधी आबादी का हिस्सा है। वह किसी भी मामले में पुरुषों से काम नहीं है। समाज के प्रगति में जितना बड़ा योगदान पुरुषों का है उतना ही महत्व महिलाओं का भी है। फिर भी कई जगहों पर आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर और सम्मान नहीं मिल पाता है आज भी बराबरी के हक के लिए उन्हें कई मोर्चों पर लड़ना पड़ता है।
सुश्री मिस्फिका हसन
भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री सुश्री मिस्फिका हसन ने कहा भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति को आगे रखने के लिए वित्तीय समावेषण से लेकर सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल से लेकर आवास, शिक्षा से लेकर उद्यमिता जैसे कई प्रयास किए गए हैं। महिला दिवस पर मैं नारी शक्ति और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों को नमन करती हूं। मोदी सरकार नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत सम्मान और अवसरों पर विशेष जोर के साथ अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तीकरण पर अपना ध्यान केंद्रित करती रहेगी। आज महिलाओं को समान अधिकार का दर्जा प्राप्त हो रहा है जो महिलाओं के लिए गर्व का विषय।
शबरी पाल भाजपा नेत्री
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली के पावन पर्व के उपलक्ष्य पर पाकुड़ की जिले के समस्त वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामना ।