न्याय-स्वास्थ्य संग जागरूकता का अनोखा संगम
पाकुड़ मंडल कारा में शनिवार को जेल अदालत सह मेडिकल कैंप एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में हुआ।।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। इसमें अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, जेलर दिलीप कुमार, डॉ. एस.के. झा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। जेल सभागार में पुरुष कैदियों को संबोधित करते हुए एडीजे प्रसाद ने कहा कि कैदी खुद आत्ममंथन करें और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि अदालत फैसले साक्ष्यों और रिकॉर्ड के आधार पर ही करती है। वहीं पीडीजे शेष नाथ सिंह ने कहा कि जिन कैदियों का मामला एक साल से अधिक पुराना है, उसे त्वरित निष्पादन का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि लंबित मामलों पर जल्द बहस पूरी करें ताकि न्याय जल्दी मिल सके। सिंह ने कैदियों से कौशल विकास और पढ़ाई-लिखाई में समय लगाने की अपील की। साथ ही हाल ही में व्यवहार न्यायालय परिसर में शुरू हुए ई-सेवा केंद्र की जानकारी दी और बताया कि गरीब परिवार अब कैदियों से निःशुल्क मुलाकात कर सकेंगे। पीडीजे ने महिला एवं पुरुष वार्डों का निरीक्षण कर कैदियों से बातचीत की। इस दौरान योग्य बंदियों को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने, महिला कैदियों और उनके बच्चों को मिठाई और चॉकलेट वितरित करने के साथ ही कानूनी सहायता और जमानती मामलों पर विशेष निर्देश दिए गए। मेडिकल कैंप में महिला और पुरुष बंदियों का बीपी, शुगर और अन्य जांच की गई। 60 वर्ष से अधिक उम्र के कैदियों की भी विशेष जांच कर दवाएं दी गईं। जेल अस्पताल की व्यवस्था, आहार सूची और साफ-सफाई की स्थिति का भी निरीक्षण किया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी सचिव विशाल मांझी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास, चिकित्सक डॉ. एस.के. झा व डॉ. स्नेहा श्रुति, डिप्टी चीफ एलएडीसीएस, अधिवक्ता, पैरा लीगल वॉलंटियर्स और अन्य न्यायालय कर्मी उपस्थित रहे।
