हादसे के बाद लंबी जंग हार गए, दिल्ली में इलाज के दौरान हुआ निधन
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का आज सुबह 10:45 बजे दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे 55 वर्ष के थे।
पार्टी और परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले वे अपने जमशेदपुर स्थित गोराबांधा आवास में बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे। इस हादसे में उनके सिर में गंभीर चोट आई और ब्रेन में खून का थक्का (ब्लड क्लॉट) जम गया। पहले उन्हें जमशेदपुर के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल लाया गया।
दिल्ली में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में जुटी रही, लेकिन वे लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे और उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका। अंततः 15 अगस्त की सुबह 10:45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। इस खबर की पुष्टि झामुमो नेता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने की।
रामदास सोरेन के निधन से झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “रामदास सोरेन जी का जाना हमारे लिए अपूरणीय क्षति है। वे सदैव झारखंड के लोगों, विशेषकर आदिवासी समाज और शिक्षा के विकास के लिए समर्पित रहे।”
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस नेता आलमगीर आलम समेत विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से जमशेदपुर लाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रामदास सोरेन ने झारखंड की राजनीति में आदिवासी अधिकारों और शिक्षा सुधार के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। उनका निधन न केवल झामुमो के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है।