पाकुड़। शुक्रवार को जिले भर में सुहागिन महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की कामना के साथ करवा चौथ का व्रत श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया। दिनभर निराहार रहकर महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए पूजा-अर्चना की। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि पर मनाया जाने वाला यह व्रत इस बार 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से प्रारंभ होकर 10 अक्टूबर की रात 7:38 बजे तक चला। परंपरा के अनुसार व्रत से एक दिन पूर्व महिलाओं ने अपने हाथों में मेहंदी रचाई और करवा चौथ के दिन प्रातः स्नान-ध्यान कर सोलह श्रृंगार से स्वयं को सजाया। इसके बाद उन्होंने भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय और चंद्र देव की पूजा की। मिट्टी या बालू की वेदी बनाकर देवी-देवताओं की स्थापना की गई और विधिवत कथा सुनी गई। संध्या होते ही व्रती महिलाओं ने चंद्रोदय की प्रतीक्षा की। रात में जैसे ही चांद निकला, सुहागिनों ने चलनी से चंद्र दर्शन कर अर्घ्य अर्पित किया। इसके बाद पति के चरण स्पर्श कर उनके हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का समापन किया। शहर और गांवों में करवा चौथ को लेकर दिनभर रौनक बनी रही। बाजारों में साज-सज्जा की वस्तुओं, पूजन सामग्री और फलों की खरीदारी को लेकर खूब भीड़ रही। मेहंदी, बांग्ल, चुनरी और साड़ी की दुकानों पर महिलाओं की खासी चहल-पहल देखी गई।
