राजकुमार भगत
पाकुड़। डीपीएस पाकुड़ में 4 से 11 दिसंबर तक चल रहे भाषा उत्सव के तहत बुधवार को पांचवें दिन भाषा बंधु पत्र दिवस और कहानी श्रृंखला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कक्षा 6 से 11 तक के छात्रों ने अपनी-अपनी मातृभाषा में अपने मित्रों को पत्र लिखकर बहुभाषिकता की सुंदरता को अभिव्यक्त किया। साथ ही “जहां भाषा है, वहां संस्कृति है” विषय पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में कहानी विस्तार गतिविधि आयोजित की गई।
कार्यक्रम के दौरान “चतुर चिड़िया” कहानी के माध्यम से छात्रों को भाषा और संस्कृति की एकरूपता तथा विविधता में एकता का संदेश समझाया गया।
विद्यालय के निदेशक अरुणेंद्र कुमार ने कहा कि सीबीएसई व शिक्षा मंत्रालय द्वारा भाषा उत्सव जैसे बहुभाषीय कार्यक्रमों की पहल छात्रों में भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चे नई-नई भाषाओं से जुड़ेंगे और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना और मजबूत होगी।
प्रधानाचार्य ने कहा कि भाषा उत्सव जैसी गतिविधियाँ बच्चों के शब्द भंडार को समृद्ध करती हैं, भाषा कौशल को मजबूत बनाती हैं और ज्ञान वृद्धि में सहायक होती हैं।





