पाकुड़। झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ की हड़ताल सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही। पाकुड़ बाजार समिति के समीप मुख्य सड़क किनारे कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। हड़ताल का सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों और वंचितों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों पर पड़ रहा है। कर्मचारियों का आरोप है कि बार–बार आग्रह के बावजूद सरकार ने उनकी मूलभूत एवं न्यायसंगत मांगों पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है। उनका कहना है कि न तो सरकार की ओर से वार्ता का प्रयास किया गया और न ही कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने आया।
कर्मचारी जेएसएलपीएस एक्ट से बाहर करते हुए राज्यकर्मी का दर्जा देने, विष्णु परिदा को हटाने और एनएमएमयू पॉलिसी लागू करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कर्मियों ने तख्तियां हाथों में ले रखी थीं और माथे पर एनएमएमयू की पट्टियां बांध रखी थीं।
हड़ताल में सुहासिनी मुर्मू, स्मिता हांसदा, बबली कुमारी, सुदीप्ता मरांडी, नीलिमा हेंब्रम, बिपिन कुमार मंडल, राजीव कुमार, सुभाष भगत, असद मोकिम, बिरेंद्र कुमार, दिलीप माल, सुभम सिंह, अनस दास सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।


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