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June 4, 2025 7:09 pm

गौपालन से मिला मोहम्मद हसनुज्जमान को राज्य स्तरीय पर पहचान और सम्मान।

अपने डेयरी में कई लोगों को दे रहे रोजगार।

शुद्धता की पहचान है हसनुज्जमान का मिल्क पार्लर: घी, दुध, दही है मशहूर।

मोहम्मद हसनुज्जमान को वर्ष 2022 में गौपालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तर पर द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार न केवल उनके परिश्रम और समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह दर्शाता है कि यदि कार्य में निष्ठा हो तो वह राज्य और देश स्तर पर भी पहचान दिला सकता है। इस सम्मान से उन्हें और अधिक प्रेरणा मिली और उन्होंने अपने व्यवसाय में और अधिक नवाचार व विस्तार किया।
पाकुड़ जिले के रहसपुर गांव के निवासी मोहम्मद हसनुज्जमान आज एक प्रगतिशील डेयरी कृषक के रूप में पूरे जिले के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने एम.ए. और बी.एड. की उच्च शिक्षा प्राप्त की, लेकिन पारंपरिक नौकरी की राह पर चलने के बजाय उन्होंने स्वरोजगार का मार्ग चुना।

स्वरोजगार की ओर कदम

हसनुज्जमान ने ‘कामधेनु डेयरी फार्मिंग योजना’ के तहत 10 दुधारू गायों को अनुदानित दर पर प्राप्त कर अपनी डेयरी यूनिट की नींव रखी। यह योजना पशुपालन विभाग के माध्यम से चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण पहल है, जो ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।

निरंतर प्रगति और नवाचार

डेयरी की शुरुआत के बाद, उन्होंने मेहनत, अनुशासन और गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन के बल पर अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ाया। उन्होंने न सिर्फ आसपास के गांवों में दूध की नियमित आपूर्ति शुरू की, बल्कि पाकुड़ शहर में ‘शुद्ध स्वीट्स एंड मिल्क पार्लर’ नाम से एक दुकान भी खोली। इस पार्लर में वे अपनी डेयरी के ताजे दुग्ध उत्पादों जैसे दूध, दही, छाछ, घी तथा विभिन्न प्रकार की मिठाइयों की बिक्री करते हैं।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

मोहम्मद हसनुज्जमान आज प्रत्यक्ष रूप से पांच लोगों को रोजगार दे रहे हैं और कई अन्य लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उनकी सफलता ने यह दिखा दिया है कि शिक्षा और कृषि/पशुपालन के संयोजन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया जा सकता है।

पशुपालन का महत्व

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुपालन ग्रामीण जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल पोषण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि किसानों की आय का एक स्थायी स्रोत भी प्रदान करता है। दुग्ध उत्पादन, जैविक खाद, पशु शक्ति और रोजगार सृजन जैसे कई पहलुओं में पशुपालन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं जैसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन, कामधेनु योजना, पशुधन बीमा योजना आदि पशुपालकों को आर्थिक, तकनीकी और संरचनात्मक सहायता प्रदान करती हैं। ऐसे में हसनुज्जमान जैसे उदाहरण यह सिद्ध करते हैं कि यदि इन योजनाओं का सही उपयोग किया जाए, तो आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सकता है। मोहम्मद हसनुज्जमान की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सही सोच, परिश्रम और योजनाओं का लाभ लेकर कोई भी व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र में रहकर भी आर्थिक रूप से सशक्त बन सकता है। उनकी सफलता न केवल व्यक्तिगत उन्नति की कहानी है, बल्कि यह पूरे समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है।

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