कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:09 से 8:06 तक।
राजकुमार भगत
पाकुड़। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। इस दिन कलश स्थापना और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के साथ भक्त नौ दिनों तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की साधना करेंगे। नवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। पंडितों के अनुसार इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है जबकि प्रस्थान मनुष्य पर होगा, जिसे परिवार और राष्ट्रहित में अत्यंत शुभ और समृद्धिदायक माना जा रहा है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त 11:49 से 12:38 बजे तक रहेगा।।नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होगी। 23 सितंबर को मां ब्रह्मचारिणी, 24 सितंबर को मां चंद्रघंटा, 25 सितंबर को मां कुष्मांडा, 26 सितंबर को मां स्कंदमाता, 27 सितंबर को मां कात्यायनी, 28 सितंबर को मां कालरात्रि, 29 सितंबर को मां महागौरी और 30 सितंबर को मां सिद्धिदात्री की आराधना होगी।
1 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर कन्या पूजन, महाप्रसाद भोग और भंडारा होगा। 2 अक्टूबर को कलश विसर्जन के साथ नवरात्रि का समापन किया जाएगा। पूरे नौ दिनों तक श्रद्धालु उपवास, फलाहार और नियम-संयम का पालन करते हुए मां भगवती की उपासना करेंगें।











