पाकुड़। आदिवासी संस्कृति के सबसे बड़े पारंपरिक पर्व सोहराय महापर्व की तैयारियां जिले में शुरू हो गई हैं। रविवार को आदिवासी कल्याण बालिका आवास एवं के.के.एम. कॉलेज सेवी को-ऑपरेटिव हॉल में छात्र-छात्राओं की सामूहिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें पर्व की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता सारबीए बेसरा ने की, जबकि संचालन चंपा मुर्मू ने किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सोहराय महापर्व इस बार 01 जनवरी से 11 जनवरी 2026 तक हर्षोल्लास और पारंपरिक अंदाज में मनाया जाएगा। त्योहार को भव्य और सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित करने के लिए आयोजन समिति का गठन किया गया। समिति में संतोष मरांडी को अध्यक्ष, राहुल हेम्ब्रम को सचिव, जोहन हेम्ब्रम को कोषाध्यक्ष, बबलू हेम्ब्रम को उप सचिव, बासनी मरांडी को उप कोषाध्यक्ष तथा बहासूरी मुर्मू को बालिका छात्रावास की उप सचिव चुना गया। छात्र-छात्राओं ने बताया कि इस वर्ष भी सोहराय महापर्व पारंपरिक झारखंडी परिधानों लुंगी-पंजी में, देशी गीत-संगीत, सामूहिक नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पूरे उल्लास से मनाया जाएगा। सभी ने एक स्वर में कहा कि सोहराय महापर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक है। बैठक में बालक छात्रावास के उप नायक माईनेल किस्कू, बालिका छात्रावास की वरिष्ठ छात्र नायिका पिंकी मरांडी, उप छात्रानायिका पूनम हेंब्रम, छात्र नेता कमल मुर्मू, जयसेन सोरेन, चेतन मुर्मू, रासका मरांडी, वजन टुडू, दुख मरांडी, होपना सोरेन, प्रवीण मरांडी, लखीराम हेम्ब्रम, संदीप मरांडी, प्रमोद मुर्मू, सुशीला बास्की, खुशबू किस्कू, अनिल मुर्मू, मरिया हसदा, लिली किस्कू और प्रमिला सोरेन सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने सक्रिय रूप से सुझाव देते हुए पर्व को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने का संकल्प लिया।





