पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत कार्रवाई की तैयारी, लिंग निर्धारण पर शून्य सहनशीलता की नीति
पाकुड़। गुरुवार को उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) एवं डीआईएमसी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के सभी 9 अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों की समग्र जांच का आदेश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि जांच टीम सभी क्लीनिकों का निरीक्षण पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत तय मानकों और चेकलिस्ट के अनुसार करे और जांच रिपोर्ट शीघ्र जिला प्रशासन को सौंपे। उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि गर्भ में भ्रूण के लिंग निर्धारण की किसी भी अवैध गतिविधि पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दिशा में प्रशासन की शून्य सहनशीलता नीति पर अमल होगा। उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग और औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही डीआईएमसी समिति की गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने समिति को सभी क्लीनिकों की जांच कर प्रतिवेदन शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि बालिका भ्रूण हत्या केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध है। इसे रोकने में प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और समाज — तीनों की संयुक्त जिम्मेदारी है।
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