प्रोजेक्ट परख : तैयारी उड़ान के तहत बच्चों को मिला मंच, जहां खुलकर बोले अपने मन की बातें
“हम भी कुछ कहना चाहते हैं… अपने सपनों के बारे में, अपनी सोच के बारे में…” ठीक ऐसे ही जज़्बात लेकर जुटे थे पाकुड़ के बच्चे प्रोजेक्ट परख : तैयारी उड़ान के तहत चल रहे कार्यक्रम बोलेगा पाकुड़ में। मंच मिला, माइक मिला और फिर जो हुआ, वो सुनकर हर कोई भावुक हो गया। बच्चों ने यहां अपने मन की वो बातें कहीं, जो अक्सर अनकही रह जाती हैं। किसी ने अपने भविष्य की उड़ान की बात की तो किसी ने अपनी छोटी-छोटी खुशियों को साझा किया।
किसी ने घर की जिम्मेदारियों को शब्द दिए, तो किसी ने अपने गांव-स्कूल को बेहतर बनाने की इच्छा जताई।
मन की बात कहने का मिला मौका
बोलेगा पाकुड़ सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, एक एहसास है – कि बच्चों की बातों को भी सुना जाना चाहिए। उनकी भावनाएं, सपने, विचार – सबकी अहमियत है।
यह मंच बच्चों को आत्मविश्वास देता है, खुद को व्यक्त करने का हौसला देता है।
बचपन की आवाज़ को मिला सम्मान
कार्यक्रम का मकसद साफ था – बच्चों को सिर्फ सुनना नहीं, बल्कि उन्हें महसूस कराना कि उनकी बातें मायने रखती हैं। बच्चों ने बताया कि उन्हें पहली बार ऐसा मंच मिला जहाँ बिना डर के बात कर सके।