प्रशांत मंडल
पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड में मनरेगा ने एक अल्पसंख्यक परिवार की जिंदगी को नई दिशा दी है। बड़ासरसा पंचायत के जीतपुर गांव निवासी ताजमुल अंसारी की वह जमीन, जो सिंचाई के अभाव में वर्षों तक परती पड़ी रहती थी, आज स्थायी आजीविका का मजबूत आधार बन चुकी है। ग्रामसभा में बिरसा हरित ग्राम योजना की जानकारी मिलने के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 में ताजमुल अंसारी की आधा एकड़ भूमि पर आम बागवानी योजना को मंजूरी मिली। योजना पर कुल 1 लाख 79 हजार 988 रुपये की लागत आई। इसके तहत गड्ढा खुदाई, घेराबंदी, खाद-गड्ढा भराई के बाद 48 आम के पौधे लगाए गए। पौधों की सुरक्षा के लिए एच-टेका लगाया गया और चारों ओर 52 इमारती पौधे रोपे गए। साथ ही वर्षा जल संचयन के लिए जलकुंड का निर्माण किया गया, जिससे सिंचाई की समस्या दूर हो गई। एक वर्ष बाद सभी आम के पौधे पूरी तरह जीवित और स्वस्थ हैं। योजना की अवधि पांच वर्ष की है और लाभुक दंपती नियमित रूप से सिंचाई, निकाई-गुड़ाई और घेराबंदी की देखरेख कर रहे हैं। प्रखंड और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण भी किया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि मनरेगा की बिरसा हरित ग्राम योजना से परती जमीन का उत्पादक उपयोग संभव हो रहा है। इससे अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग के परिवारों को स्थायी रोजगार और आय का साधन मिल रहा है। लाभुक ताजमुल अंसारी और उनकी पत्नी ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह योजना उनके परिवार के लिए आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव साबित हो रही है।





