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November 1, 2025 1:05 am

बाल विवाह उन्मूलन को लेकर 100 दिवसीय अभियान की तैयारी, उपायुक्त बोले यह सिर्फ सरकारी पहल नहीं, सामाजिक चेतना का आंदोलन बनेगा

बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करने की दिशा में जिला प्रशासन ने बड़ी पहल की है। उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि जनलोक कल्याण परिषद्, पाकुड़ के सहयोग से आगामी नवंबर माह से 100 दिवसीय बाल विवाह उन्मूलन अभियान शुरू किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य समाज में बाल विवाह जैसी कुप्रथा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना और संवेदनशील समुदायों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने सभी विभागों और संस्थाओं को आपसी समन्वय के साथ अभियान को सफल बनाने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह समाज के विकास की सबसे बड़ी बाधा है, इसे समाप्त करने के लिए प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं और आमजन सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने उच्च जोखिम वाले प्रखंडों, पंचायतों और परिवारों की पहचान कर लक्षित हस्तक्षेप सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही धार्मिक नेताओं, पुरोहितों, बैंडबाजा संचालकों और टेंट व्यवसायियों से संवाद स्थापित कर सामाजिक सहयोग लेने की बात कही। किशोरियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए साइकिल और छात्रवृत्ति योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि स्कूलों में स्टूडेंट हेल्प ग्रुप का गठन कर परामर्श और जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएं, साथ ही ड्रॉपआउट छात्रों को पुनः स्कूलों से जोड़ा जाए। स्कूल और कॉलेज स्तर पर वीडियो प्रदर्शन, स्लोगन लेखन तथा वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जाएगी। बैठक में पुलिस विभाग, चाइल्डलाइन, जनलोक कल्याण परिषद्, बचपन बचाओ आंदोलन और पीसीआई के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव साझा किए। इस अवसर पर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, चाइल्डलाइन सर्विस के परामर्शी तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ यह सिर्फ एक सरकारी अभियान नहीं बल्कि सामाजिक चेतना का आंदोलन बनेगा, और जिले में बाल विवाह की एक भी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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