अब्दुल अंसारी
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाकुड़िया में मंगलवार को ट्यूबरक्लोसिस जांच शिविर का आयोजन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भरत भूषण भगत की अगुवाई में किया गया। इस दौरान चिकित्सक डॉ. मंजर आलम ने बताया कि ऐसे लोग जो तीन वर्ष से किसी टीबी मरीज के संपर्क में रहे हों, उनकी पहले एक्स-रे जांच की जाती है। एक्स-रे रिपोर्ट नेगेटिव आने पर आगे सीवायटीबी नामक जांच की जाती है। इसमें निर्धारित मात्रा में दवा देकर जांच स्थल को चिन्हित किया जाता है और 48 घंटे बाद उसकी जांच की जाती है। यदि गांठ का आकार बढ़ा हुआ पाया जाता है तो संबंधित व्यक्ति को टीबी से बचाव की दवा दी जाती है। समाचार प्रेषण तक करीब 80 व्यक्तियों की पहचान कर उनकी जांच की गई।
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