पाकुड़, अलीम और फाज़िल डिग्रियों की मान्यता पर उत्पन्न संकट को लेकर एसडीपीआई का प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को पाकुड़ विधानसभा की विधायक निशात आलम से उनके आवास पर मिला। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य मोहम्मद हंजेला शेख ने किया, जबकि उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष हबीबुर रहमान, प्रदेश महासचिव तहमिदुर रहमान, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य उमर फारूक और अधिवक्ता अब्दुल हन्नान मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने गठबंधन सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर विधायक को बधाई दी और उनके लंबी उम्र की कामना करते हुए कहा कि हालिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अलीम और फाज़िल डिग्री रखने वाले हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है, क्योंकि इन डिग्रियों की वैधानिकता और सरकारी नौकरियों में उनकी स्वीकार्यता पर संदेह उत्पन्न हो गया है। प्रतिनिधिमंडल ने विधायक से अनुरोध किया कि वे इस गंभीर मुद्दे को विधानसभा में मजबूती से उठाएँ और सरकार से हस्तक्षेप कर इन डिग्रियों की मान्यता बहाल कराने, भविष्य की परीक्षाओं को विश्वविद्यालय से संबद्ध कराए जाने, मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने तथा राज्य में एक सक्रिय मदरसा बोर्ड के गठन जैसे आवश्यक कदम उठाने की दिशा में पहल करें। एसडीपीआई का कहना है कि तत्काल निर्णय न होने पर हजारों छात्रों का शैक्षणिक और पेशेवर भविष्य प्रभावित होगा। मुलाकात के दौरान विधायक निशात आलम ने आश्वस्त किया कि वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे सदन में उठाएँगी और विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।






