हिल एसेंबली पहाड़िया महासभा के बैनर तले पहाड़िया समुदाय ने अपनी मूलभूत समस्याओं को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया।
प्रशांत मंडल
लिट्टीपाड़ा (पाकुड़)। हिल एसेंबली पहाड़िया महासभा के बैनर तले बुधवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर में पहाड़िया समुदाय ने अपनी मूलभूत समस्याओं को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। नेतृत्व पहाड़िया नेता शिवचरण मालतो ने किया। धरनास्थल पर जुटे सैकड़ों ग्रामीणों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए पांच सूत्री मांगपत्र बीडीओ संजय कुमार को सौंपा। शिवचरण मालतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने 25 साल बीत गए, लेकिन लिट्टीपाड़ा के पहाड़ों में रहने वाले आदिम जनजाति पहाड़िया परिवार आज भी मूल सुविधाओं से दूर हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अब भी नदी-नाले और झरने का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। वर्ष 2017 में पहाड़िया परिवारों के घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए 217 करोड़ की ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू हुई थी, लेकिन 8 साल बाद भी एक भी पहाड़िया गांव में पानी नहीं पहुंचा। मालतो ने कहा कि क्षेत्र के अधिकांश आदिम जनजाति गांवों तक सड़क नहीं है। ग्रामीण आज भी पगडंडी और पथरीले रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं, जिसका असर स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सभी पर पड़ता है।
उन्होंने कहा, सड़क नहीं होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी गांवों तक नहीं पहुंचते। बीमार पड़ने पर कई ग्रामीण समय पर इलाज न मिलने से जान गंवा देते हैं। गर्भवती महिलाओं को आज भी खटिया पर ढोकर अस्पताल लाया जाता है। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र ठीक से नहीं चलते। बच्चों को पोषाहार तक नहीं मिलता। मालतो ने मांगपत्र में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से श्वेत पत्र जारी करने, आदिम जनजाति महिलाओं को अन्य श्रेणी की तरह 2500 रुपए मासिक पेंशन देने, तथा हिरणपुर–लिट्टीपाड़ा मार्ग पर कोयला डंपरों के परिचालन पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो पहाड़िया समाज उग्र आंदोलन को मजबूर होगा। धरने में बड़ा पकटोटी, बड़ा कामोगोड़ा, गोकुलपुर, शहरजोड़ी, बड़ा मालीपाड़ा, छोटा मालीपाड़ा समेत कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।













