सतनाम सिंह
विभाग द्वारा रिकवरी का हो सकता है आदेश
पाकुड़: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार की कोशिश है कि खुले में शौच से लोगों को मुक्ति मिले, लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से यह योजना पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही है. पाकुड़ जिले के मनीरामपुर में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी सामने आया है. शौचालय निर्माण के लिए आए पैसे से ज्यादातर शौचालय या तो बने नहीं, और जो बनाए भी गए वो मानकों के अनुरूप नहीं हैं. ऐसे में ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं.बात कर रहे हैं सदर प्रखंड के मनीरामपुर पंचायत की।मनिरामपुर पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में फर्जीवाड़ा किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसका खुलासा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता द्वारा दिये गये निर्देश के बाद जलसहिया द्वारा किये गये भौतिक सत्यापन से हुआ है। भौतिक सत्यापन के उपरांत मनीरामपुर के जलसहिया बेली बीबी ने कनीय अभियंता को समर्पित जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया है कि मनीरामपुर पंचायत को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 47 शौचालय निर्माण का आदेश दिया गया था।पंचायत के मुखिया द्वारा 44 अदद शौचालय का उपयोगिता प्रमाण पत्र पेयजल एवं स्वच्छता प्रशाखा पाकुड़ को समर्पित किया था और जब इसका सत्यापन किया गया तो 16 अदद शौचालय ही धरातल पर पाये गये।बाकी के शौचालय नहीं पाएं गए।सुत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक 44 शौचालय निर्माण की सुची मनीरामपुर पंचायत के मुखिया द्वारा कार्यालय को समर्पित की गयी थी। सूची में सिर्फ और सिर्फ मुखिया का ही हस्ताक्षर और मुहर अंकित था।विभाग के कनीय अभियंता द्वारा मुखिया द्वारा समर्पित सूची के सत्यापन का निर्देश कोषाध्यक्ष सह जलसहिया ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति मनीरामपुर को दिया गया। सत्यापन के दौरान मुखिया द्वारा 44 शौचालय के विरूद्ध 16 अदद शौचालय निर्माण पाया गया.सूत्रों से यह भी है की एक शौचालय को दिखा और फोटो खींचा कर 7 लोगों ने मुखिया से सांठ गांठ कर रुपयों की निकासी की है,पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि मनीरामपुर में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी का मामला पूर्व में ही संज्ञान में आया था। जिसकी जांच है तो वह जल सहिया को निर्देशित किया गया था जल सहिया ने जांच रिपोर्ट विभाग को सौपी है इसकी जांच की जा रही है।