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June 26, 2025 12:30 pm

संदेशखाली के मुद्दे पर विद्यार्थी परिषद ने उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

सुदीप कुमार त्रिवेदी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला पाकुड़ के द्वारा पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में राज्य सरकार संरक्षित अपराधियों द्वारा महिलाओं के साथ किए गए जघन्य अपराधों के संदर्भ में न्याय हेतु पाकुड़ उपयुक्त महोदय के द्वारा राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन सौंपा गया। राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में जिला संयोजक गुंजन तिवारी ने कहा कि विगत कुछ वर्षों से पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र की महिलाओं के साथ यौन शोषण, उनकी सामूहिक अस्मिता का हनन एवं उनके परिवारों पर सुनियोजित अत्याचार राज्य सरकार द्वारा संरक्षित अपराधियों द्वारा किया जा रहा है। अभाविप मानवता को शर्मसार करने वाली संदेशखाली घटना से आहत है और इसकी कठोरतम भर्त्सना करती है।
महाविद्यालय की उपाध्यक्ष रानी साहा ने बताया कि विगत 10 फरवरी 2024 को पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल श्री आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के कारण इस वीभत्स शोषण की सच्चाई वृहद् जनमानस के समक्ष आई। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा हिन्दू घरों से जबरन नाबालिग कन्याओं व महिलाओं को चिन्हित कर उनका भयपूर्वक अपहरण कर राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय में लाकर अत्याचार, दुराचार करने के कई जघन्य मामले सामने आये हैं। पीड़िताओं में अधिकांश महिलाएं अत्यंत पिछड़े एवं अनुसूचित वर्ग की हैं और अपने ऊपर हो रहे अत्याचार की अति से तंग आकर कई परिवार संदेशखाली से पलायन करने को मजबूर हैं। पश्चिम बंगाल राज्य की महिला मुख्यमंत्री के संरक्षण से वर्षों के शारीरिक एवं मानसिक शोषण से तंग आकर संदेशखाली की हज़ारों महिलाएं आज राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं। विश्वविद्यालय संयोजक बमभोला उपाध्याय ने बताया कि चूँकि मुख्यमंत्री के संरक्षण में राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा संदेशखाली की महिलाओं का शोषण हो रहा है और राज्य की पुलिस उचित कानूनी कार्रवाई करने में विफल रही है; इसलिए अभाविप की यह माँग है कि इन महिलाओं को न्याय दिलाने में आपके द्वारा हस्तक्षेप किया जाए। न्याय की इस मुहिम में माननीय राज्यपाल, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् माननीय राष्ट्रपति महोदया का ध्यान कुल छः बिंदुओं की ओर आकृष्ट कराया है। जिनमें क्रमशः राज्य सरकार की संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए संदेशखाली के पूरे प्रकरण की उच्च-स्तरीय जांच केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कराए जाये एवं दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई किए जाने, संदेशखाली की महिलाओं के ऊपर हो रही हिंसा एवं उनकी सामूहिक अस्मिता के हनन पर अविलम्ब अंकुश लगाने, महिलाओं के ऊपर हुई हिंसा एवं दुराचार की घटनाओं की वास्तविकता को निर्भयतापूर्वक शासन, प्रशासन एवं न्यायिक संस्थानों तक पहुंचाने हेतु हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराने, न्याय की सुगमता हेतु पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कराने,वर्षों के मानसिक शोषण से धीरे-धीरे उबरने हेतु इन महिलाओं को मनोचिकित्सकों द्वारा परामर्श सत्रों की भी सुविधा प्रदान करने एवं भय-मुक्त संदेशखाली बनाने में केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति किए जाने ताकि परिवारों के पलायन पर विराम लगाया जा सके। इस
मौके पर सिद्धू कान्हो विश्वविद्यालय संयोजक बमभोला उपाध्याय, विभाग संयोजक अमित शाह, जिला संयोजक गुंजन तिवारी, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राहुल मिश्रा, कॉलेज अध्यक्ष दुलाल चंद्र, रानी साहा, आनंद भंडारी आदि कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

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