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December 22, 2025 6:14 am

अग्निशमन मानकों के तहत केकेएम कॉलेज में नए गेट का निर्माण, गुणवत्ता को लेकर छात्रों ने उठाए सवाल

पाकुड़। केकेएम कॉलेज परिसर में अग्निशमन विभाग के मानकों को पूरा करने के उद्देश्य से नए गेट का निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि, निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर कॉलेज के छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने गंभीर आपत्तियां जताई हैं और कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि कॉलेज के मुख्य द्वार से कुछ ही दूरी पर दूसरा गेट बनाया जा रहा है, लेकिन निर्माण मानकों का पालन नहीं किया जा रहा। छात्रों के अनुसार, गेट के पिलर की मोटाई निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं है। एक ओर पुराने पिलर के सहारे नया पिलर खड़ा किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर पिलर की नींव जमीन तक न जाकर ईंट की दीवार पर टिकाई गई है। छात्रों ने आशंका जताई कि भारी गेट का भार ऐसे पिलर पर पड़ने से भविष्य में दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस संबंध में छात्रावास के छात्रों ने प्रभारी प्राचार्य डॉ. युगल झा को लिखित शिकायत भी सौंपी है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. झा ने बताया कि छात्रों से निर्माण कार्य में अनियमितता की जानकारी मिली है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो निर्माण कार्य तत्काल रोका जाएगा और गुणवत्ता की जांच कर आवश्यक सुधार कराया जाएगा। डॉ. झा ने स्पष्ट किया कि कॉलेज परिसर में पहले से बने गेट से अग्निशमन वाहन के प्रवेश में दिक्कत होती थी। इसी कारण विश्वविद्यालय के निर्देश पर नए गेट का निर्माण कराया जा रहा है। योजना के तहत दो गेट बनाए जाने हैं, ताकि एक गेट से अग्निशमन वाहन प्रवेश कर सके और दूसरे से आसानी से बाहर निकल सके। वहीं छात्रावास के छात्र कमल मुर्मू ने आरोप लगाया कि बिना इंजीनियर की देखरेख के निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाउंड्री वॉल के पुराने पिलर को तोड़कर उसी पर नया पिलर खड़ा किया जा रहा है, जो तकनीकी रूप से गलत है। दूसरी ओर, कॉलेज के बड़ा बाबू नीरज कुमार यादव ने बताया कि अग्निशमन विभाग की नियमावली के अनुसार कॉलेज में 20-20 फुट चौड़ाई के दो गेट होना अनिवार्य है। इसी मानक को पूरा करने के लिए गेट निर्माण पर लगभग 1.80 लाख रुपये की प्राक्कलित राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता बनाए रखने के लिए एनसीईआरटी के निर्देशों के आलोक में यह निर्माण कार्य कराया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ ऐसे लोग, जो कॉलेज के नियमित छात्र नहीं हैं, अनावश्यक रूप से प्रशासन को परेशान करने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल, छात्रों की शिकायत के बाद कॉलेज प्रशासन ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कराने का भरोसा दिया है। अब देखना यह है कि जांच के बाद कार्य में सुधार होता है या नहीं।

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