Search

December 21, 2025 11:34 pm

रोक बेअसर, शाम ढलते ही सक्रिय हो जाता है बालू सिंडिकेट, कोड भाषा के सहारे चल रहा बालू का अवैध परिवहन

पाकुड़: जिले में बालू का अवैध परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाईकोर्ट की स्पष्ट रोक के बावजूद ट्रैक्टरों के माध्यम से लगातार बालू की ढुलाई की जा रही है। शाम होते ही बालू सिंडिकेट सक्रिय हो जाता है और व्हाट्सऐप के जरिए यह तय किया जाता है कि आज बालू का उठाव कहां से होगा और किस रास्ते से उसे गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, बालू माफिया और ट्रैक्टर मालिकों के बीच पहले से तय रकम पर सौदा होता है। इस रकम में “जिम्मेदार” माने जाने वालों की भूमिका भी शामिल रहती है और हिस्सेदारी का बंटवारा पहले ही कर लिया जाता है। यही वजह है कि कार्रवाई के दावे तो होते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अवैध कारोबार बेरोकटोक जारी रहता है। रविवार शाम लिट्टीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चितलो फार्म के समीप बालू लदा ट्रैक्टर खुलेआम अवैध परिवहन करता नजर आया। सीधी से बात है की बालू अमरापाड़ा थाना क्षेत्र से ही कहीं से लोड किया गया है, सूत्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए फोटो में साफ देखा जा सकता है कि बिना किसी भय के ट्रैक्टर सड़क पर फर्राटा भर रहा है। जब बालू लदे ट्रैक्टर के चालक से पूछताछ करने की कोशिश की गई तो उसका जवाब चौंकाने वाला था। चालक ने बताया कि हर जगह जिम्मेदार को पहले प्रसाद चढ़ा दिया गया है। इसके बाद एक कोड भाषा बता दी जाती है। अगर कहीं ट्रैक्टर को रोका गया तो वही कोड बोल देना है, रास्ता अपने आप साफ हो जाता है। पहले नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती थीं, अब कानून और अदालत के आदेशों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। बाजार में बालू बेहद ऊंचे दामों पर बेची जा रही है, जिससे आम लोगों के साथ-साथ निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। यह पूरा खेल ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों को जानकारी न हो। सब कुछ सामने होते हुए भी आंखें मूंद ली गई हैं। ऐसे में “सबका साथ, सबका विकास” के दावे जमीनी हकीकत पर सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक हाईकोर्ट के आदेशों की खुलेआम अनदेखी होती रहेगी और कब अवैध बालू कारोबार पर प्रभावी कार्रवाई होगी।

img 20251214 wa00227112709017539435240
img 20251214 wa00219033092019794081350

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर