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December 24, 2025 2:20 am

ईशा नदी में अवैध मिट्टी भराई का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, सामाजिक कार्यकर्ता ने दायर की नई जनहित याचिका।

पाकुड़: पाकुड़ प्रखंड क्षेत्र स्थित ईशा नदी में कथित रूप से की गई अवैध मिट्टी भराई को लेकर मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश अग्रवाल द्वारा दायर जनहित याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में पिछले चार महीने से लंबित प्रकरण में मंगलवार को डिग्री (अंतिम आदेश) प्राप्त हो गया। आदेश मिलते ही अग्रवाल ने इस गंभीर मामले को लेकर एक और नई जनहित याचिका दाखिल कर दी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार जमाबंदी संख्या 289 के प्लॉट संख्या 769 में लगभग 24 बीघा 5 कट्ठा 4 धुर जमीन ईशा नदी क्षेत्र का हिस्सा है। आरोप है कि प्रखंड विकास कार्यालय द्वारा इस भूमि का प्रकलन तैयार कर स्वीकृति देने के बाद बड़े पैमाने पर नदी में मिट्टी भराई कर दी गई। स्थानीय स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, उप-विकास आयुक्त, अंचल अधिकारी और उपायुक्त को बार-बार शिकायतें देने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।सुरेश अग्रवाल का कहना है कि लगभग 25 बीघा नदी क्षेत्र में मिट्टी डालकर नदी के प्राकृतिक स्वरूप को बदल दिया गया। यहां तक कि उसे खेल मैदान का रूप दे दिया गया है, जो पर्यावरण और कानून दोनों के लिहाज से गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार तालाब, कुआं, नदी, नहर व अन्य जलस्रोतों के संरक्षण व निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक नदी को ही मिट्टी भरकर समाप्त किया जा रहा है।आरोप है कि पाकुड़ प्रखंड विकास कार्यालय और चाचंकी उर्फ रघुनंदनपुर पंचायत के मुखिया की मिलीभगत से रातों-रात नदी में मिट्टी भराई कर दी गई। इसकी शिकायतें जिला प्रशासन को कई बार भेजी गईं, लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया।अग्रवाल ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के साथ खिलवाड़ करना न केवल पर्यावरणीय खतरा है, बल्कि कानून का स्पष्ट उल्लंघन भी है। उन्होंने पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि न्यायालय का हस्तक्षेप क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी राहत है।

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