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June 26, 2025 5:20 pm

अंगिका समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को सौपा ज्ञापन।

राजकुमार भगत

पाकुड़। सोमवार को अंगिका समाज की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथ तिवारी एवं जिला अध्यक्ष डाॅ. मनोहर कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार, राँची, के नाम -उपायुक्त, पाकुड़ को मांग पत्र सौंपा । झारखंड प्रदेश अंगिका समाज के जिला संयोजक राम रंजन कुमार सिंह ने बताया कि सम्पूर्ण संथालपरगना प्रमंडल की क्षेत्रीय भाषा “अंगिका ” को नियुक्ति नियमावली जेटेट से हटाये जाने का विरोध किया जा रहा है ।अंगिका भाषा अति प्राचीन भाषा है । अंग देश के राजा कर्ण के अस्तित्व का प्रमाण झारखंड राज्य में है । देवघर जिला के कर्रो में कर्णेश्वर मंदिर एवं जामताड़ा जिला के करमदाहा में राजा कर्ण के द्वारा स्थापित महादेव मंदिर वर्त्तमान समय का साक्षात प्रमाण है ।तिलकामांझी का कार्य क्षेत्र संथालपरगना रहा और उनके सम्मान में अविभाजित बिहार राज्य के भागलपुर विश्वविद्यालय का नाम तिलकामांझी विश्वविद्यालय रखा गया है , जहां अंगिका भाषा की पढ़ाई व शोध कार्य किए जाते हैं अविभाजित बिहार राज्य का पुराना जिला भागलपुर के अन्तर्गत संथालपरगना था । संथालपरगना के निवासी अंग क्षेत्र के मूल वासी हैं । जिसकी भाषा अंगिका रही है ।
झारखंड सरकार ने वर्ष 2018 में अंगिका भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्रदान किया था । जबकि झारखंड लोक सेवा आयोग , राँची द्वारा वर्ष 2007 में आयोजित प्रारम्भिक शिक्षक परीक्षा में अंगिका भाषा का 30 अंकों के प्रश्न रखे गये थे और झारखंड अद्यिविद्य परिषद्,रांची द्वारा आयोजित जेटेट 2012 एवं जेटेट 2016 परीक्षा में भी 30 अंकों के प्रश्न पूछे गये थे।
सम्पूर्ण संथालपरगना के वासी अंगिका के मूल वासी हैं । अंगिका भाषा-भाषी बहुल क्षेत्र है। जहां आज भी 60% से अधिक लोग अंगिका बोलते हैं तथा अन्य भाषा-भाषी के बीच सम्पर्क भाषा अंगिका है । इसलिए अंगिका क्षेत्र के अधिकांश युवा-युवतियों को नियोजन एवं शिक्षक नियुक्ति का अधिकार मिलना चाहिए। पत्र में मुख्यमंत्री झारखंड सरकार से निवेदन किया गया है कि अंगिका भाषा को जेटेट नियुक्ति नियमावली में शामिल किया जाए।

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