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July 28, 2025 1:00 pm

बेटी की डोली उठती उससे पहले उठ गई पिता की अर्थी – करंट लगने से काशफुल शेख की दर्दनाक मौत

मो० काजीरुल शेख

पाकुड़: कभी-कभी किस्मत इतनी बेरहम हो जाती है कि जो घर चंद दिनों बाद शहनाइयों से गूंजने वाला होता है, वहां अचानक चीत्कार और सन्नाटा छा जाता है। ऐसा ही एक दर्दनाक मंजर देखने को मिला पाकुड़ जिले के चेंगाडांगा गांव में, जहां एक बाप की ममता और जिम्मेदारियों से भरी ज़िंदगी बिजली के एक झटके में खत्म हो गई।काशफुल शेख, एक मेहनतकश और पारिवारिक इंसान, सोमवार सुबह रोज़ की तरह अपने घर की छत पर चढ़े थे। किसी को क्या पता था कि ये उनकी आखिरी सुबह होगी। छत पर लगे बिजली के तार में अचानक करंट आ गया और वह उसकी चपेट में आ गए। चीख सुनकर परिजन दौड़े, उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी सांसें थम गईं।

बेटी की शादी से पहले ही बुझ गया पिता का दीया

काशफुल की मौत ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। लेकिन सबसे बड़ा सदमा उनके परिवार पर टूटा—जिस बेटी की शादी अगले महीने तय थी, उसी की आंखों के सामने उसका पिता दुनिया से विदा हो गया।उस बेटी की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। घर की दीवारों पर टंगी शादी की तैयारियों की लिस्ट अब सिर्फ याद बनकर रह गई है।उनके घर में अब सिर्फ मातम है—एक बेसुध पत्नी, एक शादी लायक बेटी जिसकी आंखों में पितृविहीन विदाई का डर है, और एक 13 साल का बेटा, जो अब समय से पहले बड़ा होने की मजबूरी में है।छोटा भाई बार-बार पूछ रहा है — “अब्बू वापस कब आएंगे?”

गांव के लोगों का कहना है कि काशफुल न सिर्फ एक जिम्मेदार पिता, बल्कि एक नेक दिल इंसान थे। हमेशा दूसरों की मदद को तैयार रहते थे। उनकी मौत से न सिर्फ एक परिवार, बल्कि पूरा गांव शोक में डूब गया है।काशफुल तो चले गए, लेकिन अपने पीछे छोड़ गए एक अधूरी ख़ुशी, टूटी उम्मीदें और नम आंखों से भरा एक घर।

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