पाकुड़ – स्थानीय आम उत्पादकों और महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मंगलवार को पाकुड़ प्रखंड परिसर में “आम उत्सव सह बागवानी मेला” का आयोजन किया गया। यह मेला मनरेगा एवं बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत आयोजित किया गया, जिसमें प्रखंड के कई पंचायतों से आए आम उत्पादक किसानों और महिला समूहों ने भाग लिया। मेले का उद्घाटन प्रखंड प्रमुख, बीडीओ, बीपीओ, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पंचायती राज पदाधिकारी तथा एनजीओ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विधिवत रूप से किया गया। उद्घाटन अवसर पर स्टॉलों पर विभिन्न किस्मों के आम जैसे — आम्रपाली, मल्लिका, हिमसागर, सिंदूरी, लंगड़ा मालदा, फजली, चौसा व खिरसापति आम को सजाकर प्रदर्शन किया गया। इन आमों की मिठास और खुशबू ने मेले में आने वाले लोगों को आकर्षित किया। मुखिया सहरकोल विकास गोंड ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “मनरेगा योजना के तहत आम बागवानी करके किसानों ने न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का कार्य किया है, बल्कि स्वयं को आत्मनिर्भर भी बनाया है। यह मेला स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण का उत्तम उदाहरण है।”
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि, “बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 350 एकड़ भूमि पर आम बागवानी का कार्य पूर्ण किया गया है। इससे क्षेत्र के किसानों को स्थायी रोजगार और आत्मनिर्भरता प्राप्त हो रही है।”मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी विशेष आकर्षण रही। अलग-अलग पंचायतों से आई महिलाओं ने मनरेगा के तहत तैयार बागानों में उगाए गए आमों को बड़ी सजावट और जानकारी के साथ प्रदर्शित किया। इससे ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका और उनकी आर्थिक भागीदारी को नई दिशा मिली है। इस अवसर पर प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न एनजीओ के सदस्य, आम उत्पादक किसान, महिला समूह की सदस्याएं तथा सभी रोजगार सेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह मेला किसानों के लिए तकनीकी आदान-प्रदान का मंच बनने के साथ-साथ बागवानी के क्षेत्र में स्थानीय नवाचार और आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल पेश कर रहा है।
