राजमहल योजना के तहत चल रहे सप्लाई वॉटर पाइपलाइन बिछाने का काम शहर के सौंदर्यकरण पर भारी पड़ रहा है। जहां सरकार लोगों की प्यास बुझाने के लिए योजनाओं को जमीन पर उतार रही है, वहीं पाइपलाइन बिछाने वाली कंपनियों की लापरवाही से शहर का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। हेमलाल पेट्रोल पंप मोड़ के पास हाल ही में सौंदर्यकरण के तहत लगाए गए पेवर ब्लॉक को पाइपलाइन कंपनी ने खोदकर पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। दूसरी ओर, डीएवी मोड़ पर सड़क काटकर पाइपलाइन का काम तो पूरा कर दिया गया, लेकिन खोदी गई मिट्टी को जैसे-तैसे सड़क पर छोड़ दिया गया है। यह मिट्टी अब ‘मानव स्पीड ब्रेकर’ बन चुकी है, जिससे स्कूली बच्चों और आम राहगीरों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। तेज रफ्तार वाहनों के गुजरने पर उड़ने वाली धूल राहगीरों की आंखों में जा रही है, जिससे दुर्घटना की आशंका लगातार बनी हुई है। लाखों रुपए खर्च कर बिछाए गए पेवर ब्लॉक बार-बार कंपनियों की खुदाई में नष्ट हो रहे हैं। सवाल यह है कि सड़क किनारे सौंदर्यकरण का काम पूरा होने से पहले पाइपलाइन बिछाने का कार्य क्यों नहीं किया गया? विभागीय समन्वय की कमी और कंपनियों की अनियमितता सीधे तौर पर सरकारी खर्च को नुकसान पहुंचा रही है। सूत्रों के मुताबिक, बिना उचित NOC के कभी टेलीकॉम कंपनियां तो कभी पाइपलाइन एजेंसियां मनमाने ढंग से सड़क खोद रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा किए गए सौंदर्यकरण कार्य को बार-बार नुकसान पहुंचाया जा रहा है। लगातार खुदाई से शहर की छवि धूमिल हो रही है।
अब जरूरत है कि प्रशासन तुरंत संज्ञान ले। विभाग एक साथ बैठकर तय करें कि एक ही सड़क को बार-बार न खोदा जाए। जिम्मेदार एजेंसियों पर कार्रवाई हो, ताकि शहर की सुंदरता और जनता की सुविधा से खिलवाड़ न हो सके।















