प्रभावित छात्रों के भविष्य को देखते हुए विधायक निशात आलम ने झारखंड सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने को लेकर की अपील।
सतनाम सिंह
रांची। झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में संचालित चार अंगीभूत कॉलेजों—साहिबगंज कॉलेज (साहिबगंज), गोड्डा कॉलेज (गोड्डा), केकेएम कॉलेज (पाकुड़) और एसपी कॉलेज (दुमका)—में बी.एड. कोर्स की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा रद्द कर दी गई है। इस निर्णय के बाद इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। एनसीटीई द्वारा वर्ष 2014 में इन कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई थी, क्योंकि इन संस्थानों ने नियमानुसार आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं किया था। हाल ही में हुई एनसीटीई की बैठक में पुनः समीक्षा के बाद साहिबगंज कॉलेज, गोड्डा कॉलेज और केकेएम कॉलेज की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया। हालांकि, एसपी कॉलेज, दुमका को 15 दिनों की मोहलत दी गई है ताकि वह तय मानकों को पूरा कर सके। इस फैसले से प्रभावित छात्रों के भविष्य को देखते हुए विधायक निशात आलम ने झारखंड सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। छात्र संगठन और कॉलेज प्रशासन भी इस फैसले के विरोध में आवाज उठा रहे हैं। कॉलेजों की मान्यता बहाल करने के लिए वे सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। अगर समय रहते समाधान नहीं निकला, तो सैकड़ों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।
पाकुड़। पाकुड़ जिले में पिछले तीन महीनों से ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया बाधित है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। इस समस्या को लेकर पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक निशात आलम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा।विधायक निशात आलम ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि झारभूमि पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया की जाती है, लेकिन जनवरी 2025 से यह पूरी तरह बाधित है। आवेदन पूरा करने के बाद भी यह राजस्व कर्मचारी के लॉगिन से अंचल निरीक्षक (CI) के लॉगिन में फॉरवर्ड नहीं हो पा रहा है। “Case for Verification” पर क्लिक करने पर “Error Message 504 Gateway Timeout” प्रदर्शित हो रहा है, जिससे आगे की प्रक्रिया रुक गई है। विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस समस्या के कारण कई महत्वपूर्ण सरकारी एवं निजी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बैंकिंग, ऋण, भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं और संपत्ति हस्तांतरण जैसे मामलों में लोग परेशान हो रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस समस्या का तत्काल समाधान किया जाए और ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को फिर से सुचारू रूप से चालू किया जाए। विधायक निशात आलम ने कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र की हर समस्या को लेकर लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर समस्या को गंभीरता से लेते हैं और समाधान के लिए तत्पर रहते हैं। झारखंड के चौमुखी विकास के साथ-साथ पाकुड़ का भी विकास करना उनका मुख्य लक्ष्य है।