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July 7, 2025 5:06 am

त्याग और बलिदान का प्रतीक मोहर्रम, श्रद्धा व परंपरा के साथ मनाया गया।

ताजिया जुलूस में उमड़ा जनसैलाब

अब्दुल अंसारी

रविवार को शहादत के प्रतीक पर्व मोहर्रम को लेकर पाकुड़िया बाजार सहित मोंगलाबांध, राजपोखर, पलियादाहा, डोमनगड़िया, फुलझींझरी, धोबना, ढेकीडूबा, सोरला, सरसाबांध, जुगुड़िया समेत दर्जनों गांवों में त्याग, श्रद्धा और परंपरा के साथ मोहर्रम पर्व मनाया गया। इस्लामी नववर्ष की शुरुआत के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है।
हर वर्ष की तरह इस बार भी ताजिया जुलूस में जनसैलाब उमड़ पड़ा। ‘या अली’, ‘या हुसैन’ की गूंज से आसमान गूंज उठा। पाकुड़िया बाजार के मुख्य मार्गों से निकले ताजिया जुलूस ने श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। मोहल्लों से निकलते ताजिया को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जुलूस के दौरान अखाड़ा कमेटियों ने अपनी पारंपरिक वीरता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए हैरतअंगेज करतब दिखाए, जिसे देख दर्शक रोमांचित हो उठे। प्रशासन ने की थी चाक-चौबंद व्यवस्था जुलूस के शांतिपूर्ण संचालन को लेकर प्रशासन द्वारा कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। ड्रोन कैमरों से निगरानी, रास्ते में पेयजल की व्यवस्था, और जुलूस के साथ-साथ तैनात पुलिस बल व दंडाधिकारी सुरक्षा के प्रति सजग नजर आए। इस अवसर पर महेशपुर एसडीपीओ विजय कुमार, पुलिस इंस्पेक्टर बाबूराम भगत, बीडीओ सोमनाथ बनर्जी, थाना प्रभारी मनोज कुमार महतो, एसआई परमहंस प्रसाद समेत दर्जनों पुलिस जवान सिद्धू कान्हू चौक से कर्बला मैदान तक ताजिया जुलूस के साथ मुस्तैदी से डटे रहे। सभी स्थानों पर पर्व शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।

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