झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वाधान में चल रहे विशेष मध्यस्थता अभियान ने शुक्रवार को बड़ी उपलब्धि दर्ज की। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देश और सचिव रूपा बंदना किरो के मार्गदर्शन में कुटुंब न्यायालय में दो अलग–अलग दंपतियों को आपसी सहमति से फिर से एकजुट किया गया। पहला मामला सुनीता मुर्मू बनाम मंत्री मुर्मू (भरण–पोषण वाद संख्या 247/25) का था, जिनका 12 वर्षीय पुत्र भी है। दूसरा मामला अनुबती राजवंशी बनाम दुध कुमार राजवंशी (वाद संख्या 214/25) का था, जो कई वर्षों से अलग रह रहे थे। प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय रजनीकांत पाठक के लगातार प्रयास और शांतिपूर्ण संवाद के बाद दोनों दंपतियों में आपसी मतभेद दूर हुए और दोनों पक्ष पुनः एक साथ रहने के लिए सहमत हुए। सुलह के प्रतीक के रूप में दोनों जोड़ों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर नए सिरे से वैवाहिक जीवन शुरू करने का निर्णय लिया। इस दौरान न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने दंपतियों को प्रेम, विश्वास और आपसी समझ बनाए रखने की सलाह दी तथा बच्चों के भविष्य को प्राथमिकता देने का संदेश दिया।







