सुदीप कुमार त्रिवेदी
पिछले महीने बकरीद के पर्व पर कथित तौर पर प्रतिबंधित मांस काटे जाने के विवाद के बाद अब तक गोपीनाथपुर का माहौल शांत होने का नाम नही ले रहा है । आए दिन पड़ोसी राज्य बंगाल के कुछ उपद्रवियों के द्वारा जानबूझकर माहौल को बिगाड़ने का लगातार कुत्सित प्रयास किया जा रहा है । इसके समाधान हेतु गोपीनाथपुर के ग्रामीणों ने सामुहिक रूप से पुलिस अधीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस महानिदेशक, उपायुक्त, आयुक्त, राज्यपाल, प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को न्याय की गुहार लगाते हुए पत्र प्रेषित किया है । पाकुड़ जिला से सटे पश्चिम बंगाल के इलाके के कुछ उपद्रवियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पिछले दिनो पाकुड़ के गोपीनाथपुर में कथित तौर पर प्रतिबंधित मांस काटे जाने के मुद्दे पर हुए विवाद को लगातार बढाने का प्रयास किया जा रहा है। इस हेतु उनके द्वारा जानबूझकर अपने ही मुस्लिम समुदाय के घरों में आग लगाने व जलाने का काम किया जा रहा है ताकि मामले को और बिगडा जा सके । इस आलोक मे गोपीनाथपुर के लोगो ने पाकुड़ मुफ्सिल थाना कांड संख्या 122 व 123 दिनांक 19/6/24 का जिक्र करते हुए कहा है कि पुलिस प्रशासन के द्वारा सुरक्षा प्रदान किया गया था लेकिन दिनांक 29/6/24 के दूसरे दिन ही आजिजुल शेख के घर जानबूझकर मुस्लिम समुदाय के असमाजिक तत्वों के द्वारा आग लगा दी गई ताकि आरोप गोपीनाथपुर कै शांतिप्रिय हिंदु समाज पर थोपा जा सके । बताते चले कि यह इलाका पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की सीमा से लगता है जहाँ काफी मात्रा में बांगलादेशियों को बतौर घुसपैठिओं के रूप मे बसाया जा चुका है । इस मामले में शहर के बुजुर्ग लोगों का कहना है कि राजनीतिक सत्ता पाने के लिए साजिश के तहत इस इलाके के डेमोग्राफी को बदलने का प्रयास किया जा रहा है । लिहाजा गोपीनाथपुर के ग्रामीणों ने पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के असमाजिक तत्वों के द्वारा जानबूझकर पाकुड़ के शांत व सौहार्द्र पूर्ण माहौल को बिगाड़ने की मंशा के खिलाफ प्रशासन के उच्च स्तरीय पदाधिकारी को पत्र लिखकर न्याय की लगाई गुहार है ।
