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November 13, 2025 11:56 am

मांझी-परगना लहंती वैसी की बैठक, पारंपरिक स्वशासन पर गूंजा आदिवासी एकता का स्वर।

पेशा कानून लागू न होने पर आदिवासी समाज आक्रोशित — महेशपुर बैठक में सरकार पर जमकर निशाना।

एस कुमार

महेशपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित कल्याण छात्रावास परिसर में मंगलवार को मांझी पर परगना लहंती वैसी की बैठक प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र मुर्मू के अध्यक्षता में मासिक बैठक की गई. बैठक में महेशपुर अंचल के सभी ग्राम प्रधान, लेखा होड़, गूडैत प्रमाणिक, जोग माझी नाइकी, एवं कुडाम नाइकी शामिल हुए. बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई. बैठक में मुख्य रूप से पांचवी अनुसूचित क्षेत्र के लिए संसदीय कानून पेशा कानून 1996 पर चर्चा की गई. संदियों से ही अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था है. लेकिन झारखंड सरकार के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी को इस पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए असंवैधानिक तरीके से झारखंड पंचायत अधिनियम – 2001 को थोपने का काम कर रही है, जो कि आदिवासी समाज के लिए काफी चिंताजनक विषय है, जो कानूनी रूप से गलत है. झारखंड उच्च न्यायालय के द्वारा झारखंड सरकार को पी- पेशा कानून लागू करने का आदेश दिया गया है. जो कि अभी तक लागू नहीं किया गया है. इससे पता चलता है कि झारखंड सरकार हम आदिवासियों के मूल भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. इससे ग्राम प्रधान एवं पारंपरिक स्वशासन से जुड़े सभी व्यक्ति काफी नाराज है. बैठक में सभी ग्राम प्रधान के साथ वर्तमान समय में हो रहे पंचायत शिविर पर शामिल होने पर चर्चा की गई. मौके पर कमलाकांत मुर्मू, स्टेफन हेम्ब्रम, सिकानुएल हांसदा, हरिदास मरांडी, राजन मरांडी, एनोस हेंब्रम, मिस्त्री किस्कु, बजाल मुर्मू, अनीता मरांडी, सावित्री मुर्मू, दीदीमुनी मुर्मू सहित दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद थे।

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