झारखंड स्थापना के 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं और राज्य तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। सड़कों का जाल बिछाने का दावा किया जा रहा है ताकि हर गांव, पंचायत और प्रखंड मुख्यालय आपस में जुड़ सकें। लेकिन इसी विकास के बीच पाकुड़िया प्रखंड का खजुडंगाल पंचायत का बिशनपुर प्रधान टोला आज भी सड़क सुविधा से महरूम है। लगभग दर्जन से अधिक परिवारों वाला यह पुश्तैनी टोला आज तक सड़क नसीब नहीं कर सका। प्राथमिक विद्यालय से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र तक किसी भी दिशा में सड़क का नामोनिशान नहीं है। पक्की सड़क तो दूर, मिट्टी–मोरम का रास्ता भी नहीं बनाया गया है। लोग आज भी करीब 500 मीटर लंबी पगडंडी के सहारे आवाजाही करते हैं। गर्मी में किसी तरह बाइक गांव तक पहुंच जाती है, लेकिन बरसात में पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। हालात इतने बदतर हैं कि बरसात के मौसम में मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि मरीजों को खटिया या कंधे पर उठाकर करीब 500 मीटर लेकर बाहर निकालना पड़ता है, तभी वाहन तक पहुंच संभव हो पाता है।
टोला के जोबा सोरेन, प्रेमचंद हेंब्रम, धनवीटी टुडू, नरेश हेंब्रम, कलोनी मरांडी, मोनिका हेंब्रम आदि ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की मांग की गई है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का साफ कहना है—आंगनबाड़ी केंद्र तक सड़क बन जाए तो पूरे टोला की जिंदगी बदल जाएगी। बरसात में जहां वाहन गांव में प्रवेश नहीं कर पाते, वहीं सड़क बनने से बच्चों की पढ़ाई, मरीजों की चिकित्सा और रोजमर्रा की आवाजाही सब आसान हो जाएगा। ग्रामीणों ने फिर मांग दोहराई है कि बिशनपुर प्रधान टोला को सड़क से जोड़कर इस लंबे इंतजार को खत्म किया जाए।













