सादगी से जनसेवा की राह पर, उपासना ने पिता के सहयोग से थामी महेशपुर की कमान।
पाकुड़/महेशपुर। झारखंड की राजनीति में एक नया चेहरा तेजी से उभर रहा है— उपासना मरांडी। वे सिर्फ स्टीफन मरांडी की बेटी नहीं, बल्कि उनकी सोच और संघर्ष की जीवंत परछाई बनकर उभरी हैं। जनसेवा को लक्ष्य और सादगी को हथियार बनाकर उपासना मरांडी आज महेशपुर विधानसभा की जनता के बीच नई उम्मीद की किरण बन चुकी हैं। बचपन से पिता प्रोफेसर स्टीफन मरांडी की संघर्षगाथा, ईमानदारी और जनसेवा को करीब से देखने वाली उपासना ने राजनीति को कभी विरासत नहीं, बल्कि जिम्मेदारी माना। झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय समिति सदस्य के रूप में वे लगातार गांव-गांव जाकर जनता की समस्याएं सुन रही हैं, युवाओं से संवाद कर रही हैं, और महिलाओं के अधिकारों की आवाज़ बुलंद कर रही हैं। उपासना का कहना है— पापा ने जो रास्ता जनता की सेवा के लिए खोला, उसे मैं आगे बढ़ाऊंगी। राजनीति मेरे लिए अवसर नहीं, एक जिम्मेदारी है। सादगी से भरे व्यक्तित्व और जनता के बीच सहज उपस्थिति ने उपासना को महेशपुर विधानसभा के युवाओं और महिलाओं के बीच खास पहचान दिलाई है। उनका फोकस शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और रोजगार पर है। वे मानती हैं कि झारखंड तभी बदलेगा जब युवा दिशा और महिलाएं सशक्त होंगी। जनता के दिलों में जगह बनाने वाली उपासना मरांडी अब राजनीति में उस नई सोच का चेहरा बन गई हैं जो पद की नहीं, सेवा की राजनीति पर भरोसा रखती है।