पाकुड़: पाकुड़िया प्रखंड के खरहरसोल पंचायत अंतर्गत बिशनपुर गांव में खनन पट्टा स्वीकृति के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। सोमवार को गांव में पारंपरिक मांझी बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध जताया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि खनन किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा।ग्रामीणों ने खनन के प्रस्तावित क्षेत्र — जमाबंदी नंबर 04 और 06, दाग नंबर 91, 93, 94, 95, 202, 203 की करीब 16 बीघा जमीन पर 11 स्थानों पर लाल झंडा गाड़कर चेतावनी दी कि यह जमीन उनकी पुश्तैनी संपत्ति है और इसका दोहन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।बैठक में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि यह जमीन उनके पूर्वजों की धरोहर है, जिससे उनकी आजीविका, पर्यावरण, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक ताना-बाना जुड़ा हुआ है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे बाहरी कंपनियों को जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे, चाहे इसके लिए कितना भी बड़ा संघर्ष क्यों न करना पड़े।
प्रशासन को चेतावनी: ग्रामीणों ने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि जबरन खनन की कोशिश की गई तो बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि गांव के लोगों की भावनाओं और अधिकारों का सम्मान किया जाए।
बैठक में शामिल प्रमुख ग्रामीणों में एग्नालुस सोरेन, आलोकिन किस्कू, मनवेल मुर्मू, फुरकु किस्कू, सुनीता मरांडी, साहेब टुडू, सुलायनी मुर्मू, मुवा हांसदा और सिंधु हांसदा प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने एक स्वर में खनन पट्टा को रद्द करने की मांग की।
ग्रामीणों का संकल्प: “हम अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे, चाहे इसके लिए कितनी भी बड़ी कीमत चुकानी पड़े,” यह संकल्प गांव की महिलाओं, पुरुषों और युवाओं ने सामूहिक रूप से लिया।

