पाकुड़: सीपीआईएम की वरिष्ठ नेत्री वृंदा करात सोमवार को पाकुड़ स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचीं। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने केंद्र सरकार, कोल इंडिया और चुनाव आयोग पर एक के बाद एक गंभीर आरोप लगाए।
कोल इंडिया प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचा रही।
करात ने कहा कि कोल इंडिया के नाम पर प्राइवेट कंपनियों को कोयला खदान सौंपकर लूट करवाई जा रही है। उन्होंने क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण पर भी चिंता जताई। कहा कि कोयला परिवहन व खनन से प्रभावित क्षेत्रों में हालात बदतर हैं, लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठा रही।उन्होंने घोषणा की कि इन मामलों को लेकर सीपीआईएम जल्द ही जिला स्तर पर आंदोलन चलाएगी।
बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल
बिहार चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए करात ने कहा कि मैंने आज तक इतना खुला आचार संहिता उल्लंघन नहीं देखा। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान विभाजनकारी भाषण दिए गए, पर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की।करात ने यह भी दावा किया कि चुनाव के एक दिन पूर्व ही कई लोगों के बैंक खातों में पैसे भेजे गए, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन अब बीजेपी कमीशन की तरह काम कर रहा है।
देश को सतर्क रहने की जरूरत, करात
वृंदा करात ने कहा कि बिहार चुनाव ने साबित कर दिया कि जनता को अब चौकस रहने की जरूरत है। वोट चोरी सिर्फ लिस्ट में हेरफेर से नहीं, बल्कि कई छिपे तरीकों से भी हो रही है।
झारखंड में भाजपा की राजनीतिक सक्रियता पर की टिप्पणी
उन्होंने कहा कि बिहार में जीत के बाद भाजपा कई राज्यों में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है।झारखंड में भी वही विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने का प्रयास होगा।उन्होंने सुझाव दिया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार सभी दलों व संगठनों के साथ मिलकर एक मजबूत वैकल्पिक नीति तैयार करे।वृंदा करात ने यह भी कहा कि रैयतों की जमीन की गलत तरीके से मापी कर कम भुगतान किया जा रहा है। यह एक गंभीर अन्याय है। उन्होंने कहा कि सीपीआईएम इन मामलों का लगातार विरोध करती रही है और आगे भी विरोध जारी रहेगा।













