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November 23, 2024 4:42 am

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क्या है वो भारी ऑगर मशीन, जो ड्रिलिंग के जरिए दे रही फंसे मजदूरों को संजीवनी

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हाइलाइट्स

अमेरिकी ऑगर ड्रिलिंग मशीन एक घंटे में 05 मीटर की खुदाई करती है और मलबा बाहर निकालती है
ड्रिलिंग मशीनें छोटे से बड़े आकार तक की होती हैं

उत्तरकाशी में टनल बचाव अभियान की जो तस्वीरें आप टीवी या अखबारों या डिजिटल माध्यमों पर देख रहे होंगे, उसमें आपको इस टनल को खोदने वाली भारी भरकम ऑगर ड्रिलिंग मशीन दीख रही होंगी. सिक्यारा टनल में जो ऑगर मशीन काम पर लगाई गई है, उसके बारे में दावा है कि वो एक बार में 50 मीटर तक ड्रिल कर सकती है. टनल में जो जगह मजदूरों तक पहुंचने और बचाव के लिए बनाई जानी है तो 30 मीटर या उससे कुछ ज्यादा है.

आइए जानते हैं कि ये ऑगर मशीनें क्या होती हैं. छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक इनका कैसे इस्तेमाल होता है. वैसे हिंदी में इन ऑगर मशीनों को बरमा मशीन भी कहा जाता है. जिसका मुख्य काम जमीन में छेद करना है.

एक घंटे में कितने मलबे को ड्रिल करती है ये मशीन
सिक्यारा टनल में अब जो ऑगर ड्रिलिंग मशीन काम कर रही है, वो अमेरिकी ऑगर मशीन है, जिसे वायुसेना के तीन परिवहन विमानों ने दिल्ली से एयरलिफ्ट करके देहरादून तक पहुंचा, वहां से सड़क के रास्ते ये पहुंचाई गई. ये मशीन 05 मीटर प्रति घंटे के हिसाब से टनल में जमा मलबे को ड्रिल कर सकती है. यानि 10 घंटे में 50 मीटर तक खुदाई कर लेगी. पहली ड्रिलिंग मशीन बहुत धीमी थी और तकनीकी समस्याएं पैदा हो रही थीं.

अंदर ड्रिल भी करती है और मलबा भी बाहर निकालती है
इस ऑगर मशीन को इंजीनियरिंग होरीजोंटल ऑगर ड्रिलिंग मशीन कहा जाता है. ये मशीन केवल चट्टानों और मलबे में केवल गड्ढ़ा ही नहीं करती बल्कि उसमें अंदर जाकर और जगह बनाती है और इसके घुमावदार ब्लेड मलबे को वहां से बाहर भी निकालते हैं. इसे बरमा भी कहते हैं.

क्षैतिज बरमा ड्रिलिंग मशीन एक रोडहेडर है जो मिट्टी और चट्टान में क्षैतिज सुरंगों की खुदाई कर सकती है. यह आगे बढ़ते समय मिट्टी निकालने के लिए एक घूमने वाले पेचदार शाफ्ट का उपयोग करता है. बरमा के सर्पिल किनारे खोदी गई मिट्टी को हटा देते हैं.

क्षैतिज बरमा बोरिंग को जैक और बोर के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ट्रेंचलेस खुदाई विधि है, जिसका उपयोग पृथ्वी की सतह के नीचे बोरहोल बनाने के लिए किया जाता है.

क्या होती हैं ड्रिलिंग मशीन
ये एक कटिंग हेड, एक फ्लाइटेड ड्राइव ट्यूब और एक ड्राइव मैकेनिज्म से बनी मशीन होती है. इसमें इसका बड़ा या छोटा घुमावदार कटर का सिर पृथ्वी में अंदर जाता है और फिर मशीन के साथ जुड़े ड्राइव मैकेनिज्म के जरिए इसे जमीन में लगातार और छेद कराकर भेजा जाता रहता है. जिससे जमीन में गड्ढ़ा बनता जाता है. ये प्रक्रिया कई बार करने पर ये मशीन पृथ्वी के अंदर या टनल में मलबा खत्म करने का काम करता है.

अलग काम के लिए अलग तरह की ड्रिलिंग मशीनें
ऑगर मशीनों को उनकी साइज और काम के हिसाब से अर्थ ऑगर्स, अर्थ ड्रिल या पोस्ट-होल ऑगर्स के रूप में जाना जाता है. ऑगर मशीनों का उपयोग आमतौर पर निर्माण परियोजनाओं में होता है. कभी कभी उत्तरकाशी के सिक्यारा टनल में मलबा हटाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है. बड़ी क्षमता वाले अर्थ ऑगर्स का उपयोग गहरी खुदाई करने और जमीन से पानी या तेल जैसे तरल पदार्थ निकालने के लिए किया जा सकता है.

ऑगर्स सर्पिल आकार के उपकरण होते हैं, जिनके किनारे पैने और ब्लेड की तरह होते हैं. डिवाइस के अंत में एक ब्लेड के साथ एक शाफ्ट या मोटे लोहे का खास तरह का स्तंभ होता है, जो ब्लेड को घुमता है.

Tags: Disinfection tunnel, Uttarkashi News

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