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June 21, 2025 12:28 am

पाकुड़ में ड्राइविंग कोर्स का समापन, महिलाओं ने कहा- अब हम भी कमाएंगे, परिवार चलाएंगे

30 दिन की मेहनत का फल मिला, अब दीदियां चलाएंगी अपनी गाड़ी।

पाकुड़ | महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम मंगलवार को पूरा हुआ। भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी), पाकुड़ में 30 दिवसीय लाइट मोटर व्हीकल ड्राइविंग प्रशिक्षण का समापन हुआ। इस मौके पर दीदियों को प्रमाणपत्र बांटे गए, और उनमें नई ऊर्जा का संचार दिखा। यह प्रशिक्षण झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के सखी मंडल से जुड़ी महिलाओं के लिए आयोजित किया गया था। समापन समारोह में उपायुक्त मनीष कुमार, आरसेटी निदेशक राजेश मिश्रा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण मिश्रा और कार्यक्रम समन्वयक अमित बर्धन ने सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर उनके हौसले को और ऊंचा किया।

अब दीदियां भी चला सकेंगी पिंक टोटो और छोटी गाड़ियां

उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा, “महिलाएं अब खुद की गाड़ी चलाकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। पिंक टोटो और छोटी गाड़ी जैसे माध्यम अब उनकी आमदनी का जरिया बनेंगे।” उन्होंने दीदियों से कहा कि स्वरोजगार से जुड़ें और अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बनें।

दीदियों ने सुनाया अनुभव, बोलीं- डर गया, अब हौसला है

समारोह के दौरान मकलू सोरेन, जोबना पानो मरांडी और आरनेश सोरेन ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि शुरुआत में डर था, लेकिन अब स्टीयरिंग पर आत्मविश्वास है। वे जल्द ही स्वरोजगार से जुड़ने वाली हैं।

प्रशिक्षण का मूल्यांकन राष्ट्रीय स्तर पर

इस ड्राइविंग कोर्स का मूल्यांकन नेशनल एकेडमी ऑफ रूडसेटी द्वारा नियुक्त अधिकारियों अरुणनाथ तिवारी और शिवशंकर तिवारी ने किया। प्रशिक्षक विरेंद्र कुमार पांडे ने तकनीकी प्रशिक्षण दिया, जबकि कार्यक्रम में संकाय वापी दास समेत कई अन्य भी मौजूद रहे।

प्रशिक्षण नहीं, अब सफलता की गियर में दीदियां

वरिष्ठ संकाय अमित बर्धन ने कहा कि दीदियों के अंदर अब एक नई उम्मीद है। प्रशिक्षण सिर्फ स्किल नहीं, सोच भी बदलता है, और यही परिवर्तन की असली शुरुआत है।

अब ये दीदियां सड़कों पर आत्मनिर्भरता की नई रफ्तार लेकर निकलेंगी।

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