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July 2, 2025 12:37 am

कालाजार का प्रशिक्षण आयोजित कर कालाजार, फाइलेरिया, मलेरिया एवं डेंगू जैसे घातक बीमारी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई




मृत्युंजय कुमार

पाकुड़िया संवाददाता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाकुड़िया के सभागार में शुक्रवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभय कुमार यादव एवं कालाजार टेक्निकल सुपरवाइजर संजय मुर्मू की अध्यक्षता में भी०वी०डी० संबंधित कालाजार का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में विशेषकर कालाजार, फाइलेरिया, मलेरिया एवं डेंगू जैसे घातक बीमारी के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अभय कुमार यादव द्वारा बताया गया कालाजार बालू मक्खी से संचारित होता है जिससे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक प्रभावित हो सकता है। डॉ यादव द्वारा बताया गया कालाजार सामान्यतः गंदे एवं नमी वाले इलाके तथा कच्चे घरों में रहने वाले लोगों में अधिकतर पाया जाता है क्योंकि बालू मक्खी ऐसे जगह पर रहना पसंद करते हैं। कालाजार का मुख्य लक्षण 15 दिन से अधिक बुखार यदि मलेरिया रोधी दवा खाने पर भी कम नहीं हो, रोगी को भूख-प्यास कम लगती है, वजन घट जाता है रोगी का स्प्लीन तथा लीवर बढ़ जाता है इस कारण से पेट बाहर निकल जाता है रोगी का त्वचा का रंग काला भूरी मिट्टी जैसे हो जाता है ऐसे मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाए। कालाजार की जांच एवं इलाज सभी सभी सरकारी अस्पताल में मुफ्त में किया जाता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभय कुमार यादव ने बताया दिनांक 10- जनवरी- 2023 से 20- जनवरी-2023 तक प्रखंड के सभी गांवों में कालाजार खोज अभियान चला जाएगा इसमें सभी स्वास्थ्य कर्मी सहिया, सेविका,जेएसएलपीएस, एमपीडब्ल्यू, एएनएम आदि घर-घर जाकर कालाजार रोगी को खोजने का काम करेंगे ।कालाजार रोगी को इलाज उपरांत 6600 रुपए श्रम क्षतिपूर्ति राशि एवं एक सहचर को 500 रुपए तथा सहिया को 600 रुपए प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। दाग-धब्बे वाले पी०के०डी०एल० रोगी को 84 दिन तक दवाई खाने के उपरांत रोगी को 4000 रुपए श्रम क्षतिपूर्ति भत्ता दिया जाएगा। डॉक्टर अभय यादव द्वारा सभी सहिया से आग्रह किया गया कि कोई भी व्यक्ति जो 15 दिन से ज्यादा बुखार वाले एवं पीकेडीएल रोगी गांव में पाए जाते हैं तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग या कर्मी को तुरंत दे।। डॉ यादव ने बताया फाइलेरिया घातक बीमारी है इससे बचाव के लिए कीटनाशक छिड़काव एवं मछरदानी का उपयोग ही बचाव है।। इस इस प्रशिक्षण में, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अभय कुमार यादव, केटीएस संजय मुर्मू, एमपीडब्ल्यू प्रभात दास, रविंद्र मुर्मू,अंकित हम्बरम, शिवराम किसकू, मिशन शेख, नूर आलम सेख नसीम उल शेख बीटीटी रायमुनि मुर्मू, आदि उपस्थित थे।

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