मृत्युंजय कुमार
क्रिसमस त्योहार को लेकर पाकुड़िया बाजार में चहल पहल बढ़ गई है। 25 दिसंबर को ईसाई धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पर्व क्रिसमस मनाया जाता है विश्व के कई देश क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। क्रिसमस कई मायनों में अहम है। इसे साल का सबसे बड़ा दिन कहते हैं। इस दिन से रात छोटी और दिन बड़ा होने लगता है । इसके अलावा साल का आखिरी बड़ा त्योहार भी यही होता है । इसलिए लोग क्रिसमस के दिन को यादगार तरीके से मनाते हैं और बीते हुए साल को अलविदा कहते हैं। क्रिसमस को लेकर बच्चे बहुत उत्साहित रहते हैं। मान्यता है कि इस दिन सांता क्लॉज बच्चों के लिए तोहफे लेकर आते हैं। बच्चे सांता क्लॉज के इंतजार में रहते हैं । क्रिसमस ट्री सजाते हैं। इस दिन से सदियों की छुट्टियां शुरू हो जाती हैं, इसलिए भी बच्चे 25 दिसंबर का बेसब्री से इंतजार करते हैं। त्योहार के अवसर पर पाकुड़िया प्रखंड के हरिपुर, बासितकुंडी, बेलपहाड़ी मिशन में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजन किया जाता है। क्रिसमस त्योहार को लेकर पाकुड़िया के दुकान में विभिन्न प्रकारों के रंग बिरंगे बिजली के बल्ब, सांता क्लॉज के फोटो, विभिन्न प्रकार के मन मोहक खिलौनों से दुकानें सज गई है। लोगों ने बताया कि इस बार बच्चे पिछले साल से अधिक खुश लग रहे हैं।